वन्य जीवों का पता लगाओ ,
सब मिलकर राष्ट्रीय “पशु ” बाघ बचाओ ।
जंगलो को कटने से बचायें ,
जंगल जा -जाकर बाघों का पता लगायें ।
अब पूरे भारत में चौदह सौ ग्यारह बाघ बचे हैं ,
उनमें से आधे तो अभी बच्चे हैं ।
उन्हें बचाने के खातिर जंगल न काटें ,
जगह -जगह पेड़ लगाने के लिए लोगों को बाटें ।
राष्ट्रीय पशु “बाघ” हम सब को बचना है ,
जंगलों को हरा-भरा और बनाना है । रहता वन में और हमारे,
संग-साथ भी रहता है ।
यह गजराज तस्करों के,
ज़ालिम-ज़ुल्मों को सहता है ।।
समझदार है, सीधा भी है,
काम हमारे आता है ।
सरकस के कोड़े खाकर,
नूतन करतब दिखलाता है ।।
मूक प्राणियों पर हमको तो,
तरस बहुत ही आता है ।
इनकी देख दुर्दशा अपना,
सीना फटता जाता है ।।
वन्य जीव जितने भी हैं,
सबका अस्तित्व बचाना है,
जंगल के जीवों के ऊपर,
दया हमें दिखलाना है ।
वृक्ष अमूल्य धरोहर हैं,
इनकी रक्षा करना होगा ।
जीवन जीने की खातिर,
वन को जीवित रखना होगा ।।
तनिक-क्षणिक लालच को,
अपने मन से दूर भगाना है ।
धरती का सौन्दर्य धरा पर,
हमको वापिस लाना है ।।
nigaha ton rehnde aa door
sohaa kha ke pyaar diyaa
maadha jeha taa dhyaan rakh
zindagi mukdiyaa udeek ch teri tere yaar diyaa
ਨਿਗਾਹਾਂ ਤੋਂ ਰਹਿਂਦੇ ਆ ਦੂਰ
ਸੋਹਾਂ ਖਾ ਕੇ ਪਿਆਰ ਦਿਆਂ
ਮਾੜਾ ਜਿਹਾ ਤਾਂ ਧਿਆਨ ਰੱਖ
ਜਿੰਦਗੀ ਮੁਕਦੀਆਂ ਉਡੀਕ ਚ ਤੇਰੀ ਤੇਰੇ ਯਾਰ ਦਿਆਂ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ