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Saurabh Mishra

ज़िकर तुम्हारा होता है || hindi poetry || love shayari

ज़िकर तुम्हारा होता है ,अल्फाज् हमारे होते है
आलम ये हो गया है की अब हम रात में भी नहीं सोते हैl

इस कदर गुम हो जाते है तुमहारी याद मे,
की पता नही चलता हम कहा होते है|

अगर तुम साथ नही होगी,
तो तनहा गुजार देगे जिदगी ये वादा करते है|

मेरे ज़जबातों को समझने की कोशिश करो,
हम जैसे इंसान बहुत कम होते है l

वैसे तो हुसन की कमी नहीं है ,
पर तुम्हारे जैसे भी बहुत कम मिलते है l

हर किसी को अपना प्यार मिल जाये ,
ऐसे खुशकिसमत कम होते है l

कुछ तो खास है तुम में ,
वरना हम भी हर किसी पे फिदा नही होते है|

Saurabh Mishra