Divyansh Sharma
पेशे से पत्रकार और मेरे शब्द ही मेरी पूंजी है । मैं उस दौर का लेखक हूँ।जिस दौर में सिर्फ भावनाएँ ही आहत होती है
Dil mein zakham jada || true line Hindi shayari
Har or uljhan aur khamoshiyon ka shor hai
Ankhon mein dhua aur sanson mein gubar bhara hai
Bheed ke tamaam chehro par muskan to bani hai
Lekin dilon mein zakham jada aur sukun zara hai 🙃💯
हर ओर उलझन और खामोशियों का शोर है
आँखों में धुँआ और साँसों में गुबार भरा है
भीड़ के तमाम चेहरों पर मुस्कान तो बनी है
लेकिन दिलों में ज़ख्म ज्यादा और सुकून जरा है 🙃💯