Kartikey Singh
Every word has a character and Each line has it's own world.... Insta: Qafir_khayal
मां || maa || hindi shayari
चलो किसी पुराने दौर की बात करते हैं,
कुछ अपनी सी और कुछ अपनों कि बात करते हैं…
बात उस वक्त की है जब मेरी मां मुझे दुलारा करती थी,
नज़रों से दुनिया की बचा कर मुझे संवारा करती थी,
गलती पर मेरी अकेले डांट कर पापा से छुपाया करती थी,
और पापा के मुझे डांटने पर पापा से बचाया करती थी…
मुझे कुछ होता तो वो भी कहाँ सोया करती थी,
देखा है मैंने,
वो रात भर बैठकर मेरे बाल संवारा करती थी,
घर से दूर आकर वो वक्त याद आता है,
दिन भर की थकान के बाद अब रात के खाने में, कहां मां के हाथ का स्वाद आता है,
मखमल की चादर भी अब नहीं रास आती है,
माँ की गोद में जब सिर हो उससे अच्छी नींद और कहाँ आती है…
Bure waqt ne hifazat ki hai || hindi shayari
Chand mein baithkar subah ka intzaar karta hu
Thoda kal sochkar aaj izhaar karta hu
Jab bhi meri nadaniyon ne galti karne ki izazat di hai
Tab mere bure waqt ne bhi meri hifazat ki hai..
चांद में बैठकर सुबह का इंतज़ार करता हूं,
थोड़ा कल सोचकर आज इजहार करता हूं…
जब भी मेरी नादानियो ने गलती करने की इजाज़त दी है,
तब मेरे बुरे वक्त ने भी हमेशा मेरी हिफाज़त की है…
Vo saadgi pasand hai || Hindi shayari
Vo haseen hai, vo saadgi pasand hai,
Payal nhi, use kaala dhaga pasand hai,
Pasand hai use, mujhe har baar jeetna,
Mujhe na khona bhi uski pasand hai,
Mujhe roothna pasand hai, use manana pasand hai….❤️
वो हसीन है, वो सादगी पसंद है,
पायल नहीं, उसे काला धागा पसंद है,
पसंद है उसे, मुझे हर बार जीतना,
मुझे ना खोना भी उसकी पसंद है,
मुझे रूठना पसंद है, उसे मनाना पसंद है….❤️