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SUBHAM SAMAL

Khawaab jo dekhe the kal || hindi shayari

जिन रास्तों पे सुरु ये सफर हुआ था,
आज उन्हीपे वापिस लौट रहा हूँ।

ख्वाब जो देखे थे कल,
आज उन्हें पाके लौट रहा हूँ।

कामयाबियों के राह पे जो छुटा था,
उन्हें आज समेट ते हुए लौट रहा हूँ।

SUBHAM SAMAL