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Ritik Khangar

Kaha tha na badal jaoge || waqt shayari

कहां था ना बदल जाओगे, इस वक़्त की तरह

मगर ईतना तो, यह वक़्त भी नहीं बदला

जीतना तुम बदल गए।

Ritik Khangar