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Vaibhav Armarkar

Neend bechaini si katt ti rahi

नींद बेचैनी से कटती रही

ख्वाब कोहरे मे छुपती रही

तेरी आवाज़ से मैं अनसुनी रही

तु मिला न कही मंज़िलों पे

मैं भटकती भटकती

तुझे ढूंढती रही

तेरा मेरा रिश्ता इन

काग़ज़ों पे खत्म हो गया

साथ तेरा मेरा युं सिमट सा गया

जैसे चार दिवारी में बंध सा गया 

तेरी बातों को मैं याद करता

तेरी हँसी को मैं याद करता

हमारे उन्ही हसीन पलो को

हररोज सजाया करता

God love ❤#devotional

कान्हा तेरी भक्ति में मीरा बन जाऊ

राम तेरी भक्ति में शबरी बन जाऊ

तूने जो ना चाहा ऐसा कर जाऊ

तेरी खातिर मैं खुदको वार जाऊ

अगर हो साथ तेरा तो ऐसा मकाम पाऊँ

तेरे लिए सारी दुनिया से लड़ जाऊ 

तेरे आशीर्वाद से ही ये दुनिया संभली 

मेरी गिरते जिंदगी को तूने थामली

उसमे खुशियाँ तूने ही डाली

तेरे होने से ही हो सारे काज पूरे

बिना तेरे लगे मायूसी और ज़िंदगी अधूरी

Vaibhav Armarkar