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vishal sharma

यार पुराना था। || Hindi shayari

हमने डूबते सूरज की एक शाम को अपना किरदार बदल डाला,
के उस मोहब्बत की चुभन को शायरी का नजमा दे डाला,
लोग मेरी तकरीरों पर वाह वाही दे रहे थे,
भीड़ में कुछ लोग ताली बजाकर, तो कुछ लोग अपनी नाकाम मोहब्बत की दलील दे रहे थे।
महफिल के शोर से एक जानी पहचानी सी आवाज आई,
तू आज भी आगे नहीं बढ़ा की उसने गुहार लगाई,
उसकी इस शिकायत में परवान था पुराने यारो का ।
मै हैरान था कौन था यह शक्स
अनजानों की भीड़ में जिसने मेरे शब्दो में छुपी नाकाम मोहब्बत को पहचाना था,
मुस्कुराता हुआ सामने आया तब समझ आया अरे यह तो यार पुराना था।

मुरझा गए हो। || sad shayari || Hindi shaYari sad in love

ये किससे मोहब्बत की किताब पढ़कर आ गए हो,
दिल से निभाए जाने वाले दिल के रिश्ते में जिस्मो का प्यार ……..पगला गए हो।
तेरी वो *Badi si smile* के साथ मुस्कुराना जान ले लेता था मेरी,
तू मुझसे बिछड़कर खुश तो है ,पर सुना है मुरझा गए हो।

vishal sharma