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Lal bahadur yadav

हाँ प्यार करता हूँ ना मैं !!! Hindi poetry

हाँ प्यार करता हूँ ना मैं !!!
नैनन नसीली पलकें हो झुकी,
उन मेें आंखें मिलीं झील,
तितली सी मड़ाती बर्न,
आँखों में दिन रात सीधती पलकें, 
हाँ प्यार करता हूँ ना मैं!!!
लबों में शामिल हो गई मुस्कान, मुस्कान
उन लोगों से मिलने में गुलाब सी चाहत,
ओ चाहत में थी रोशनी सी मोहब्बत,
प्यार के पार तो बस एक विश्वास था,
हाँ प्यार करता हूँ ना मैं!!!
पासपोर्ट में लड़खाती हों बाली,
बालीं से झड़ती यें फिजायें,
फिजो से मिली घटायें,
हाँ प्यार करता हूँ ना मैं!!!
हाँ प्यार करता हूँ ना मैं
बालें लटकती हो वट सी लट,
वो लटों में शामिल हों लेस,
उन मामलों को घटकी हमेशा वो पट्टी,
जिसमें सदा बालें रहती हैं लिपटी,
हाँ प्यार करता हूँ ना मैं!!!
हाँ प्यार करता हूँ ना मैं
कुतुम्ब सी माथे मे हैं मून की लाकेट,
उस लाकेट में थी हमारी मन्ते,
ये मन्ते आया था नज्मों की नगरीयों से,
वो हर नगरी थी दस दिशाओं पे, 
हाँ प्यार करता हूँ ना मैं!!!

Lal bahadur yadav