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शहीद (जवान) || hindi poetry || shaheed

ये जमीं करती नमन
आसमां करता नमन
जिस मकां में जन्म बीता
वो मकां करता नमन
श्वेत कपड़े में लिपटकर शान से जो आ रहा है
पीछे उसके भ्रमर कोई मधुर धुन में गा रहा है
देख उस सपूत को ये जहां करता नमन
ये जमीं करती नमन
आसमां करता नमन
उसने दुश्मन के आगे शान से सीना किया है
लौट आया वो धुरंधर उन्हे(दुश्मन) बदहाल जीना किया है
उनकी रूहें इस जमीं से आसमां पर जाएंगी
उनको देख ये खुदा गर्व से करता नमन
ये जमीं करती नमन
आसमां करता नमन

शहीद(सैनिक)