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Dosti hindi poetry

Dosti || hindi kavita || poetry on dosti

दोस्ती
प्यार का मीठा दरिया है
पुकारता है हमें

आओ, मुझमें नहाओ
डूबकी लगाओ
प्यार का सौंधा पानी
हाथों में भर कर ले जाओ

आओ
जी भर कर गोता लगाओ
मौज-मस्ती की शंख-सीपियाँ
जेबों में भर कर ले जाओ

दोस्ती का दरिया
गहरा है, फैला है
इसमें नहीं तैरती
धोखे की छोटी नौका
कोशिश की तो
बचने का नहीं मिलेगा मौका