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जो दोस्त बने थे कभी,वो आज मेरे दुश्मन हैं,
चूड़ियां सारीं उसकी,मेरे नाम के दो कंगन हैं,
उस रहीस के लिए, हर एक मौसम है साबन,
यहां पर,ना ज़मीन,ना घर,ना कोई आंगन है,
तुम्हे है खोफ़,तो डालो कोई,नक़ाब चेहरे पर,
ना दिल तोड़ा, ना लूटा, मेरा बेदाग दामन है,