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कई बार ख्याल बुरे सपनों का खुद-को, जगा-कर मिटा लिया..
गर लगी चोट तो निशानों पर मरहम, लगाकर मिटा लिया..
वो दाग तो मिट गए, जिन जख्मों का असर कम था..
कुछ दर्द शराब से और कुछ को अपने शब्दों से गा कर मिटा लिया..
हर कदम पर धोखा खा कर मेरा दिल, अब कहीं जाकर ठेहरा है..
कुछ जख्म तो उसे याद ही नहीं, और कुछ जख्मों का असर बहुत गहरा है..
मेरी बातें मेरे दिल तक पहुँचती नहीं आज-कल..
ना जाने मेरे और मेरे दिल के बीच, किस-की और किन बातों का पहरा है..
Tumari sanso ke sahare tumhare dil mein utar jau🌼
Mein vo jakham hu harsh ke tumhare chue hi bhar jau..❤
तुम्हारी सांसो के सहारे तुम्हारे दिल मे उतर जाऊं🌼
मै वो जख्म हूँ हर्ष कि तुम्हारे छुए ही भर जाऊं..❤