Skip to content

kalam shayari

Khoon tapkne lagaa aankho || dard hindi

खून टपकने लगा आंखो से

आंसुओ को सूखे जमाना हुआ

तुम्हारी तस्वीर ही बची थी पास मेरे

तम्हारा कैसे आना हुआ

क्यू हाल पूंछ मेरे जख्मों को कुरेद रहे हो तुम

मेरे जिस्मों में अब दर्द का ठिकाना हुआ

सलमान….दर्द ही लिखोगे क्या ता_उम्र

उससे पूछो तो इस दर पर क्यू  आना हुआ

कलम….तू तो जनता है न मेरे हालात ….

तू बता कैसे हमारा गुजारा हुआ

‎कलम‬ रखती हूँ.. || Hindi shayari Attitude

#‎अपने‬ हर 😲 ‪#‎लफ्ज़‬ में 😁 ‪#‎कहर‬ ✔ ‪#‎रखती हूँ, 📝 ‪#‎शायर‬ हूँ..
💔 ‪#‎बेवफा‬ का 🔪 ‪#‎क़त्ल‬ ‪#‎करने‬ के लिए 💝 ‪#‎जेब‬ में ✒ ‪#‎कलम‬ ✔ #रखती हूँ..