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shaheed

शहीद (जवान) || hindi poetry || shaheed

ये जमीं करती नमन
आसमां करता नमन
जिस मकां में जन्म बीता
वो मकां करता नमन
श्वेत कपड़े में लिपटकर शान से जो आ रहा है
पीछे उसके भ्रमर कोई मधुर धुन में गा रहा है
देख उस सपूत को ये जहां करता नमन
ये जमीं करती नमन
आसमां करता नमन
उसने दुश्मन के आगे शान से सीना किया है
लौट आया वो धुरंधर उन्हे(दुश्मन) बदहाल जीना किया है
उनकी रूहें इस जमीं से आसमां पर जाएंगी
उनको देख ये खुदा गर्व से करता नमन
ये जमीं करती नमन
आसमां करता नमन

शहीद(सैनिक)

Ik oh c shaheed || punjabi lines on a shaheed

Jo waqat da si faisla
kar gya si poora jo si karam
naseeyat diyaa chadh paurriyaa
oh ban saboot e vazood gyaa c
na si maut da koi bharam usnu
jo kar hausla gya c
kadh dhadheya de bhulekheaa nu
sdaa rakhu yaad kom da har basishda
kite kaul poore jaswant singh khaldha de nu

ਜੋ ਵਕ਼ਤ ਦਾ ਸੀ ਫੈਸਲਾ,
ਕਰ ਗਿਆ ਸੀ ਪੂਰਾ ਜੋ ਸੀ ਕਰਮ,
ਨਸੀਅਤ ਦੀਆਂ ਚੜ੍ਹ ਪੌੜੀਆਂ,
ਉਹ ਬਣ ਸਬੂਤ ਏ ਵਜੂਦ ਗਿਆ ਸੀ,
ਨਾ ਸੀ ਮੌਤ ਦਾ ਕੋਈ ਭਰਮ ਉਸਨੂੰ,
ਜੋ ਉਹ ਕਰ ਹੌਸਲਾ ਗਿਆ ਸੀ,
ਕਢ ਢਾਡਿਆ ਦੇ ਭੁਲੇਖਿਆਂ ਨੂੰ,
ਸਦਾ ਰੱਖੂ ਯਾਦ ਕੌਮ ਦਾ ਹਰ ਬਸਿਸ਼ਦਾ,
ਕੀਤੇ ਕੌਲ ਪੂਰੇ ਜਸਵੰਤ ਸਿੰਘ ਖਾਲੜਾ ਦੇ ਨੂੰ