धरती सारी
ख़ुद को समझ लें
उस ग़ुरूर से बचाना ईश्वर
कि बंद करने को
कुछ न रहे पास
दीवार ही सही
कमर टिकाई हो जिस पर
कभी किसी कमज़ोर पल
उस पर थूक सकने की
जहालत से भी बचाना
पर वह साहस ज़रूर देना
जो मुँह से बाहर निकलते दिल को पकड़ सके
सँभाल सके और कह सके
कि जो पाया उसे लौटाने से ज़्यादा ज़रूरी है
उस भूमिका को सँभालना जो हम निभाते हैं
अपने या किसी और के जीवन में
माफ़ कर सकें उनसे ज़्यादा खुद को
याद रख सकें बस इतना
कि विश्व के सबसे अलोकप्रिय लोगों ने बख़्शी जान हमें
उन्हें सबने नज़रंदाज़ किया
उनके पैरों में सारे आँसू वार दें
उनकी हथेली में बिखेर सकें सारी हँसी
जब कह देना ही सब कुछ हो
चुप रह सकें उस वक़्त
कड़वी बात को यूँ ज़ब्त कर लें
नाख़ूनों में भर लें
खुरचकर धरती सारी।