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Poetry

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उसकी अहमियत बताना भी ज़रूरी है || Hindi love poetry

उसकी अहमियत है क्या, बताना भी ज़रूरी है !
है उससे इश्क़ अग़र तो जताना भी ज़रूरी है !!
अब काम लफ़्फ़ाज़ी से तुम कब तक चलाओगे !
उसकी झील सी आंखों में डूब जाना भी ज़रूरी है !!
दिल के ज़ज़्बात तुम दिल मे दबा कर मत रखो !
उसको देख कर प्यार से मुस्कुराना भी ज़रूरी है !!
उसे ये बारहा कहना वो कितना ख़ूबसूरत है !
उसे नग्मे मोहब्बत के सुनाना भी ज़रूरी है !!
किसी भी हाल में तुम छोड़ना हाथ मत उसका !
किया है इश्क़ गर तुमने, निभाना भी ज़रूरी है !!
सहर अब रूठना तो इश्क़ में है लाज़मी लेकिन !
कभी महबूब गर रूठे तो मनाना भी ज़रूरी है !!

Naari || Hindi poetry || true lines

मान लिखूँ सम्मान लिखूँ मैं।
आशय और बखान लिखूं मैं।
जिस नारी पर दुनिया आश्रित,
उसका ही बलिदान लिखूँ मैं।।
जीवन ऐसी बहती धारा,
जिसका प्यासा स्वयं किनारा,
पत्थर पत्थर अश्क उकेरे,
अधरों पर मुस्कान लिखूँ मैं।
मान——
कोमल है कमज़ोर नहीं है,
नारी है यह डोर नहीं है,
मनमर्ज़ी इसके संग करले
इतना कब आसान लिखूँ मैं
मान—-
बेटा हो या बेटी प्यारी,
जन्म सभी को देती नारी,
इसका अन्तस् पुलकित कोमल
इसके भी अरमान लिखूँ मैं
मान—-
हिम्मत से तक़दीर बदल दे,
मुस्कानों में पीर बदल दे,
प्रेम आस विश्वास की मूरत,
शब्द शब्द गुणगान लिखूँ मैं
मान——

तू चलता चल ऐ बंदेया ! || Hindi poetry || inspirational poetry

तू चलता चल ऐ बंदेया 
माना मुश्किल , है सफ़र 
पर जब साथ हो कोई हमदर्द 
तो किस बात का डर 
तू चलता चल ऐ बंदेया….
बपिस मुड़ना अब यहाँ से 
माना है , जिस राह पर तू चला है 
रुक , ठहर , खुद से खुद की लिए इजाज़त माँग,
फिरसे खड़कर , द्रिड होकर, चट्टान सा बनकर 
तू चलता चल ऐ बंदेया…
तुझे रखना पड़ेगा खुद को प्रत्येक रूप से तयार
क्यूँकि इस संसार में ना रख सकते प्यार का , ना यार का ऐतबार
पर मुश्किल समय में ग़ैरों का हौंसला ज़रूर  बनना मेरे यार 
यहाँ आजकल कोन आता है छोड़कर अपना घर व्यापार
तू बुलंदियाँ छूता चल ऐ बंदेया ,तू चलता चल ऐ बंदेया ,
तू चलता चल ऐ बंदेया…….।

MAIN HAIGI AA ..! Maa || punjabi poetry

ਕਹਿੰਦੀ ਤੂੰ ਡਰਿਆ ਨਾ ਕਰ ਤੇਰੇ ਨਾਲ ਮੈਂ ਹੈਗੀ ਆ
ਤਪਦੀ ਧੁੱਪ ਤੇ ਵਿਚ ਦੁਪਹਿਰੇ 
ਜਲ ਗਈ ਚਮੜੀ ਤੇ ਸੁੱਖ ਗਏ ਚੇਹਰੇ
ਬੱਚੇ ਆਪਣੇ ਨੂੰ ਪਾਲਣ ਦੇ ਲਈ 
ਲੱਗੀ ਰਹੀ ਓਹ ਵਿਚ ਹਨੇਰੇ 
ਸੁੱਕ ਜਾਵੇ ਗਲ ਤੇ ਪਾਣੀ ਨਾ ਮੰਗੇ
ਲੋਕ ਵੇਖਦੇ ਰਹਿ ਗਏ ਚਾਰ ਚੁਫੇਰੇ 
ਮੂੰਹ ਦੇ ਵਿੱਚੋ ਉਫ਼ ਨਾ ਨਿਕਲੇ 
ਵੇਖ ਤਾਂ ਸਹੀ ਮੇਰੀ ਮਾਂ ਦੇ ਜੇਰੇ…
ਚਾਰੋਂ ਪਹਿਰ ਕੰਮ ਆ ਕਰਦੀ 
ਭੁੱਲ ਗਈ ਹੱਸਣਾ ਤੇ ਆਰਾਮ ਨੂੰ ਵੀ 
ਚਾਰ ਪਾਈ ਤੇ ਨਾ ਪੈ ਕੇ ਵੇਖੇ 
ਲੱਗੀ ਰਹਿੰਦੀ ਸ਼ਾਮ ਨੂੰ ਵੀ 
ਪੈਰਾਂ ਵਿਚ ਛਾਲੇ ਪੈ ਜਾਂਦੇ ਤੁਰਕੇ 
ਬੱਚੇ ਨੂੰ ਗੋਦ ਚੋਂ ਲਾਹੁੰਦੀ ਨਈ 
ਨਾ ਖਾਣ ਦੀ ਫ਼ਿਕਰ ਨਾ ਸੌਣ ਦੀ 
ਓਹ ਤਾਂ ਰਾਤ ਨੂੰ ਅੱਖ ਵੀ ਲਾਉਂਦੀ ਨਈ 
ਰਾਤ ਹਨੇਰੇ ਡਰ ਜਾਵਾ ਮੈਂ
ਹਰ ਸਪਨੇ ਦੇ ਵਿਚ ਮਰ ਜਾਵਾ ਮੈਂ 
ਤੈਨੂੰ ਲੈ ਜਾਣਾ ਮੈਂ ਨਾਲ ਆਪਣੇ
ਮੌਤ ਮੈਨੂੰ ਕਹਿਗੀ ਆ 
ਮੱਥਾ ਚੁੰਮ ਮੈਨੂੰ ਮਾਂ ਮੇਰੀ ਆਖੇ ਡਰ ਨਾ ਪੁੱਤ ਮੈ ਹੈਗੀ ਆ
– ਮਾਂ ਕਿਵੇਂ ਝੁਕਾਵਾਂ ਕਰਜ ਤੇਰਾ 
ਮੈਨੂੰ ਸਮਝ ਇਹ ਆਈ ਨਾ 
ਮੈਂ ਬਣ ਜਾਣਾ ਤੇਰਾ ਸਹਾਰਾ ਮਾਂ 
ਤੂੰ ਸ਼ਰਨ ਨੂੰ ਛੱਡ ਕਦੇ ਜਾਵੀਂ ਨਾ 
ਮਾਂ ਮੈਨੂੰ ਛੱਡ ਕਦੇ ਜਾਵੀਂ ਨਾ…

TU kyu use is kadar || hindi kavita

तू क्यूं उसे इस क़दर तांक रहा है,

हां वही फकीर, जो वहां नाच रहा है…

मुस्कुरा रहा है तू उसकी फटी कमीज़ देखकर,

देख, वो भी हंस रहा है तेरी तमीज़ देखकर…

सोच मत, के उसकी किस्मत तुझसे हारी है,

उसकी खाली जेब तेरे पैसों से ज्यादा भारी है…

वो तो हर घर दुआएं बांटता है,

जैसे हर दर खुदाए बांटता है…

मखमल का बिछौना तुझे रास नहीं आता,

देख, वो घास में सोने से बाज़ नहीं आता…

छुपाता है तू असलियत झूठी मुस्कान के पीछे,

कितना सुकून है उसकी हर मुस्कान के पीछे…