Skip to content

Step Back || dil da dard shayari

Ohh majbor c pyar mere chh,
Kal mai onha azaad karta.
Ohna aap te ni dssya ess baare kuj,
Mai ohdi chupi nu padh lya
Te step back kar gya…

ਤੇਰਾ ਰੋਹਿਤ…✍🏻

Title: Step Back || dil da dard shayari

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Asi shisha JAD vi takkde haan || Punjabi poetry || ghaint love poetry

Ohda sath ta chaddeya vi chadd nahi hona
Oh rooh nu lagge rog jehe
Palla bajheya e injh ohda mere naal
Oh satt janma de sanjog jehe
Bane chehre da shingar mere
Ohde khuaab hi sanu sajaunde ne
Asi shisha jadd vi takdde haan
Oh kol khade nazar aunde e..!!

Bas oh hi oh es duniya te jiwe
Esa sohna yaar milaya e
Kar ikathe kayi janma de khushi khede
Jholi sadi vich rabb paya e
Ohda khayal hi vaar injh kar janda
Rooh de rog lgge vi muskaunde ne
Asi shisha jadd vi takdde haan
Oh kol khade nazar aunde e..!!

Na nazran ton door to Na dil ton door
Ang sang rehnde oh Saahan de
Ikk pal vi Na sath shuttda e
Oh rehnde vich nigahan de
Asi jad vi shant ho ke behnde haan
Ohde bol fer bas gungunaunde ne
Asi shisha jadd vi takdde haan
Oh kol khade nazar aunde e..!!

Hoye sache jahe khayalat sade
Ohde ishq ch kadam jo rakheya e
Ohi bane ne roohan de hani
Kise hor nu Na bhul ke vi takkeya e
Ohde bol jad vi pukaran menu
Meri khushi nu char chann launde ne
Asi shisha jadd vi takdde haan
Oh kol khade nazar aunde e..!!

ਓਹਦਾ ਸਾਥ ਤਾਂ ਛੱਡਿਆਂ ਵੀ ਛੱਡ ਨਹੀਂ ਹੋਣਾ
ਉਹ ਰੂਹ ਨੂੰ ਲੱਗੇ ਰੋਗ ਜਿਹੇ
ਪੱਲਾ ਬੱਝਿਆ ਏ ਇੰਝ ਓਹਦਾ ਮੇਰੇ ਨਾਲ
ਉਹ ਸੱਤ ਜਨਮਾਂ ਦੇ ਸੰਜੋਗ ਜਿਹੇ
ਬਣੇ ਚਿਹਰੇ ਦਾ ਸ਼ਿੰਗਾਰ ਮੇਰੇ
ਓਹਦੇ ਖੁਆਬ ਹੀ ਸਾਨੂੰ ਸਜਾਉਂਦੇ ਨੇ
ਅਸੀਂ ਸ਼ੀਸ਼ਾ ਜੱਦ ਵੀ ਤੱਕਦੇ ਹਾਂ
ਉਹ ਕੋਲ ਖੜੇ ਨਜ਼ਰ ਆਉਂਦੇ ਨੇ..!!

ਬੱਸ ਉਹ ਹੀ ਉਹ ਇਸ ਦੁਨੀਆਂ ਤੇ ਜਿਵੇਂ
ਐਸਾ ਸੋਹਣਾ ਯਾਰ ਮਿਲਾਇਆ ਏ
ਕਰ ਇਕੱਠੇ ਕਈ ਜਨਮਾਂ ਦੇ ਖੁਸ਼ੀ ਖੇੜੇ
ਝੋਲੀ ਸਾਡੀ ਵਿੱਚ ਰੱਬ ਪਾਇਆ ਏ
ਓਹਦਾ ਖਿਆਲ ਹੀ ਵਾਰ ਇੰਝ ਕਰ ਜਾਂਦਾ
ਰੂਹ ਦੇ ਰੋਗ ਲੱਗੇ ਵੀ ਮੁਸਕਾਉਂਦੇ ਨੇ
ਅਸੀਂ ਸ਼ੀਸ਼ਾ ਜੱਦ ਵੀ ਤੱਕਦੇ ਹਾਂ
ਉਹ ਕੋਲ ਖੜੇ ਨਜ਼ਰ ਆਉਂਦੇ ਨੇ..!!

ਨਾ ਨਜ਼ਰਾਂ ਤੋਂ ਦੂਰ ਨਾ ਦਿਲ ਤੋਂ ਦੂਰ
ਅੰਗ ਸੰਗ ਰਹਿੰਦੇ ਉਹ ਸਾਹਾਂ ਦੇ
ਇੱਕ ਪਲ ਵੀ ਨਾ ਸਾਥ ਛੁੱਟਦਾ ਏ
ਉਹ ਰਹਿੰਦੇ ਵਿੱਚ ਨਿਗਾਹਾਂ ਦੇ
ਅਸੀਂ ਜਦ ਵੀ ਸ਼ਾਂਤ ਹੋ ਕੇ ਬਹਿੰਦੇ ਹਾਂ
ਓਹਦੇ ਬੋਲ ਫਿਰ ਬੱਸ ਗੁਣਗੁਣਾਉਂਦੇ ਨੇ
ਅਸੀਂ ਸ਼ੀਸ਼ਾ ਜੱਦ ਵੀ ਤੱਕਦੇ ਹਾਂ
ਉਹ ਕੋਲ ਖੜੇ ਨਜ਼ਰ ਆਉਂਦੇ ਨੇ..!!

ਹੋਏ ਸੱਚੇ ਜਿਹੇ ਖਿਆਲਾਤ ਸਾਡੇ
ਓਹਦੇ ਇਸ਼ਕ ‘ਚ ਕਦਮ ਜੋ ਰੱਖਿਆ ਏ
ਓਹੀ ਬਣੇ ਨੇ ਰੂਹਾਂ ਦੇ ਹਾਣੀ
ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਨੂੰ ਨਾ ਭੁੱਲ ਕੇ ਵੀ ਤੱਕਿਆ ਏ
ਓਹਦੇ ਬੋਲ ਜਦ ਵੀ ਪੁਕਾਰਨ ਮੈਨੂੰ
ਮੇਰੀ ਖੁਸ਼ੀ ਨੂੰ ਚਾਰ ਚੰਨ ਲਾਉਂਦੇ ਨੇ
ਅਸੀਂ ਸ਼ੀਸ਼ਾ ਜੱਦ ਵੀ ਤੱਕਦੇ ਹਾਂ
ਉਹ ਕੋਲ ਖੜੇ ਨਜ਼ਰ ਆਉਂਦੇ ਨੇ..!!

Title: Asi shisha JAD vi takkde haan || Punjabi poetry || ghaint love poetry


Sabse badhi cheez || akbar birbal kahani

एक दिन बीरबल दरबार में उपस्थित नहीं थे। ऐसे में बीरबल से जलने वाले सभी सभासद बीरबल के खिलाफ अकबर के कान भर रहे थे। अकसर ऐसा ही होता था, जब भी बीरबल दरबार में उपस्थित नहीं होते थे, तभी दरबारियों को मौका मिल जाता था। आज भी ऐसा ही मौका था।

बादशाह के साले मुल्ला दो प्याजा की शह पाए कुछ सभासदों ने कहा-”जहांपनाह ! आप वास्तव में बीरबल को आवश्यकता से अधिक मान देते हैं, हम लोगों से ज्यादा उन्हें चाहते हैं। आपने उन्हें बहुत सिर चढ़ा रखा है। जबकि जो काम वे करते हैं, वह हम भी कर सकते हैं। मगर आप हमें मौका ही नहीं देते।”

बादशाह को बीरबल की बुराई अच्छी नहीं लगती थी, अतः उन्होंने उन चारों की परीक्षा ली-”देखो, आज बीरबल तो यहाँ हैं नहीं और मुझे अपने एक सवाल का जवाब चाहिए। यदि तुम लोगों ने मेरे प्रश्न का सही-सही जवाब नहीं दिया तो मैं तुम चारों को फांसी पर चढ़वा दूंगा।” बादशाह की बात सुनकर वे चारों घबरा गए।

उनमें से एक ने हिम्मत करके कहा-”प्रश्न बताइए बादशाह सलामत ?” “संसार में सबसे बड़ी चीज क्या है ? और अच्छी तरह सोच-समझ कर जवाब देना वरना मैं कह चुका हूं कि तुम लोगों को फांसी पर चढ़वा दिया जाएगा।” बादशाह अकबर ने कहा- “अटपटे जवाब हरगिज नहीं चलेंगे। जवाब एक हो और बिलकुल सही हो।” “बादशाह सलामत ? हमें कुछ दिनों की मोहलत दी जाए।” उन्होंने सलाह करके कहा।

“ठीक है, तुम लोगों को एक सप्ताह का समय देता हूं।” बादशाह ने कहा।

चारों दरबारी चले गए और दरबार से बाहर आकर सोचने लगे कि सबसे बड़ी चीज क्या हो सकती है ?

एक दरबारी बोला-”मेरी राय में तो अल्लाह से बड़ा कोई नहीं।”

“अल्लाह कोई चीज नहीं है। कोई दूसरा उत्तर सोचो।” दूसरा बोला।

“सबसे बड़ी चीज है भूख जो आदमी से कुछ भी करवा देती है।” तीसरे ने कहा।

“नहीं…नहीं, भूख भी बरदाश्त की जा सकती है।”

“फिर क्या है सबसे बड़ी चीज ?” छः दिन बीत गए लेकिन उन्हें कोई उत्तर नहीं सूझा। हार कर वे चारों बीरबल के पास पहुँचे और उसे पूरी घटना कह सुनाई, साथ ही हाथ जोड़कर विनती की कि प्रश्न का उत्तर बता दें।

बीरबल ने मुस्कराकर कहा-”मैं तुम्हारे प्रश्न का उत्तर दूंगा, लेकिन मेरी एक शर्त है।” “हमें आपकी हजार शर्तें मंजूर हैं।” चारों ने एक स्वर में कहा-”बस आप हमें इस प्रश्न का उत्तर बताकर हमारी जान बख्शी करवाएं। बताइए आपकी क्या शर्त है ?” “तुम में से दो अपने कन्धों पर मेरी चारपाई रखकर दरबार तक ले चलोगे। एक मेरा हुक्का पकड़ेगा, एक मेरे जूते लेकर चलेगा।” बीरबल ने अपनी शर्त बताते हुए कहा।

यह सुनते ही वे चारों सन्नाटे में आ गए। उन्हें लगा मानो बीरबल ने उनके गाल पर कसकर तमाचा मार दिया हो। मगर वे कुछ बोले नहीं। अगर मौत का खौफ न होता तो वे बीरबल को मुंहतोड़ जवाब देते, मगर इस समय मजबूर थे, अतः तुरन्त राजी हो गए।

दो ने अपने कन्धों पर बीरबल की चारपाई उठाई, तीसरे ने उनका हुक्का और चौथा जूते लेकर चल दिया। रास्ते में लोग आश्चर्य से उन्हें देख रहे थे। दरबार में बादशाह ने भी यह मंजर देखा और वह मौजूद दरबारियों ने भी। कोई कुछ न समझ सका। तभी बीरबल बोले, ”महाराज, दुनिया में सबसे बड़ी चीज है-गरज। अपनी गरज से ये पालकी यहां तक उठाकर लाए हैं।” बादशाह मुस्कराकर रह गए। वे चारों सिर झुकाकर एक ओर खड़े हो गए।

Title: Sabse badhi cheez || akbar birbal kahani