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Yeh raat bahut…,
gehri neend mai dale..
Ki na aaye uski yaad…
Hume khudkushi se bacha le…
यह रात बहुत…
गहरी नींद में ढले..
कि न आए उसकी याद…
हमें खुदकुशी से बचा ले…
खवाबों का एक दरिया लिए फिर रहा हु
पूरे होंगे एक डिब सब , एसी का इंतज़ार कर रहा हु ,
दिल्ल उदास चहरे पर हसी बरकरार है
जी हाँ , मैं अंदर ही अंदर मर रहा हूँ ।
देख दुनियाँ की तमाम शजीशे
यकीनन जो कर रहा हु सही कर रहा हूँ ।