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Taalda rawi || ishq shayari

ਟਾਲਦਾ ਰਵੀ ਤੂੰ ਤੇਰੀ ਮੇਰੀ ਇਸ਼ਕ ਦੀ ਬਾਤਾਂ ਨੂੰ

ਜੇ ਚਾਹਾਂ ਉਸ ਰੱਬ ਨੇ ਓਹਣੇ ਬਦਲ ਦੇਣਾ ਐ ਹਲਾਤਾਂ ਨੂੰ

ਫਿਰ ਤੇਰਾ ਵੀ ਕੋਈ ਜ਼ੋਰ ਨੀ ਰੇਹ ਨਾ ਇਸ ਦਿਲ ਤੇ

ਫੇਰ ਹਰ ਥਾਂ ਤੇ ਮੇਰਾ ਹੀ ਚੇਹਰਾ ਦਿੱਸਣਾ ਔਰ ਯਾਦ ਕਰੇਗਾ ਮੇਰਿਆਂ ਹੀ ਬਾਤਾਂ ਨੂੰ

ਬਾਲਾਂ ਚੋਰ ਹੂੰਦਾ ਐਂ ਇਸ਼ਕ

ਖੋ ਲੈ ਜਾਂਦਾ ਫਿਰ ਹਰ ਇੱਕ ਜਜ਼ਬਾਤਾਂ ਨੂੰ

ਨਾ ਪੈ ਤੂੰ ਹੁਣ ਮੈਂ ਤਾਂ ਪੈ ਗਿਆ ਇਸ਼ਕ ਚ

ਤੇਰਾਂ ਇਹਨੇ ਸਭ ਲੁਟ ਲੈ ਜਾਣਾ ਚੇਨ ਵੀ ਤੇਰਾ ਰੇਹ ਨਾ ਨੀ

ਬਾਲਾਂ ਮਿੱਠਾ ਲਗਦਾ ਸ਼ੁਰੂਆਤ ਚ

ਫਿਰ ਹਾਲ ਤੇਰਾ ਇਦਾਂ ਦਾ ਕਰ ਦੇਣਾ ਇਹਨੇ ਫਿਰ ਸਜਣਾਂ ਤੋਂ ਬਗੈਰ ਤੂੰ ਰਹਿਣਾ ਨੀ

ਫਿਰ ਰੋਏਗਾ ਹੰਜੂਆ ਤੋਂ ਬਗੈਰ ਕੁੱਝ ਵੀ ਨੀ ਰਹਿਣਾ ਤੇਰੇ ਕੋਲ਼

ਰਾਤਾਂ ਕਾਲੀਆਂ ਕਟੇਗਾ ਕਲਾ ਰਾਤਾਂ ਨੂੰ ਤੂੰ ਫਿਰ ਸੋਣਾ ਨੀ

—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷

Title: Taalda rawi || ishq shayari

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Ten lines on teachers day || शिक्षक दिवस पर 10 वाक्य

1) भारत में शिक्षकों के सम्मान में 1962 से प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

2) यह दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाते हैं।

3) वह भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दुसरे राष्ट्रपति थें।

4) महान शिक्षक के रूप में इनके योगदान के लिए इन्हें 1954 में भारत रत्न प्राप्त हुआ।

5) प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का महत्ववपूर्ण योगदान रहता है।

6) एक छात्र को उसके जीवन की सही दिशा तय करने का मार्ग शिक्षक ही दिखाता है।

7) इस दिन छात्र अपने गुरुओं के सम्मान में उन्हें उपहार देते हैं।

8) स्कूल, कॉलेज में छात्र मिलकर शिक्षकों के लिए कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

9) यह समारोह शिक्षकों के समर्पण और उपलब्धियों का प्रतीक है।

10) विश्व भर मे 100 से ज्यादा देश अपने तय तारीख पर शिक्षक दिवस मनाते हैं।

Title: Ten lines on teachers day || शिक्षक दिवस पर 10 वाक्य


Maata pita || hindi shayari on parents

माता पिता का इस जगत में है सबसे ऊँचा दर्जा।
इसके लालन पालन को संतान चूका ना सके कर्जा।।

कर्ज इनके प्रेम का जीवन को खूब सँवारे।
बस चले तो बच्चों के लिए आसमां से तोड़ ले तारे।

तारों सा चमकीला बने उनके बच्चों का जीवन।
मानों इसलिए ही धरती पर माता पिता का हुआ जनम।।

बच्चों के जन्म से ही करते उनके लिए जीवन भर संघर्ष।
अपने बच्चों की खुशियों को ही समझे जीवन का उत्कर्ष।।

उत्कर्ष होता उनका जो संतान बने अच्छी इंसान।
पग पग मार्गदर्शन ऐसा जो देना सके भगवान।

भगवान समान माता पिता फिर भी क्यों खोते मान।
बुढ़ापे में अपने ही पुत्रों से झेलते अपमान।।

अपमान करे संतान का तो फट पड़ता कलेजा।
क्या इस दिन के लिए ही संतान को प्रेम से सहेजा।।

सहेजा संवारा क्या इसलिए कि बुढ़ापे में ना दे साथ।
संतान पे लुटाके धन आज बुढ़ापे में फैलाये हाथ।।

हाथ क्यों ना आते आगे आज माता पिता के लिए।
क्या झूठे दिखावे और चमक दमक ने तुम्हारे हाथ सीले।।

छोड़ो इस माया को सच्चे रिश्तों की करो कदर।
दुनिया में तुम्हारे लिए जीये सदा तुम्हारे फादर मदर।।

Title: Maata pita || hindi shayari on parents