Tera time changa jo asin tainu yaad karde aa
je saadha time aa gya fir luk luk ke royeaa karega
ਤੇਰਾ ਟਾਇਮ ਚੰਗਾ ਜੋ ਅਸੀ ਤੈਨੂੰ ਯਾਦ ਕਰਦੇ ਆ ,
ਜੇ ਸਾਡਾ ਟਾਇਮ ਆ ਗਿਆ ਫਿਰ ਲੁਕ ਲੁਕ ਕੇ ਰੋਇਆ ਕਰੇੇੇੇਗਾ।।
Tera time changa jo asin tainu yaad karde aa
je saadha time aa gya fir luk luk ke royeaa karega
ਤੇਰਾ ਟਾਇਮ ਚੰਗਾ ਜੋ ਅਸੀ ਤੈਨੂੰ ਯਾਦ ਕਰਦੇ ਆ ,
ਜੇ ਸਾਡਾ ਟਾਇਮ ਆ ਗਿਆ ਫਿਰ ਲੁਕ ਲੁਕ ਕੇ ਰੋਇਆ ਕਰੇੇੇੇਗਾ।।
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।
तुम्हारे गुजरे पलों में बेशक मैं नहीं थी
तुम्हारे संग भविष्य की अपेक्षा भी नहीं थी
हां,वर्तमान के कुछ चंद क्षण
साझा करने की ख्वाहिश जरुर थी।
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।
देखो, आज फिर उंगलियों ने मेरी
कलम उठाई है
कुछ अनसुनी भावनाओं को संग अपने
समेट लाई है
माना ,मेरे शब्दों ने आहत किया तुम्हें
लेकिन क्या,असल भाव को पहचाना तुमने?
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।
उलझ गए तुम निरर्थक शब्दों में
पढ़ा नहीं जो लिखा है कोमल हृदय में
चल दिए छोड़ उसे, तुम अपनी अना में
बंधे थे हम तुम, जिस अनदेखे रिश्ते की डोर में
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।
बीत गए कई बारिश के मौसम
क्या धुले नहीं, जमे धूल मन के?
है अर्जी मेरी चले आओ तुम
मेरे भीतर के तम को रोशनी दिखाओ तुम..
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।