
Tere vallon kita kehar vi manzoor e..!!
Hora nu taan ungli vi chukkne na dewa mein
Tere hathon zehar vi manzoor e..!!
Rula kise nu umran handawi na..!!
Dhuron todan da paap tu kamawi na..!!
Rabb vi maaf na karega ese kamma nu tere
Dil kise da tu paagla dukhawi nu..!!
ਰੁਲਾ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਉਮਰਾਂ ਹੰਢਾਵੀਂ ਨਾ..!!
ਧੁਰੋਂ ਤੋੜਨ ਦਾ ਪਾਪ ਤੂੰ ਕਮਾਵੀਂ ਨਾ..!!
ਰੱਬ ਵੀ ਮਾਫ਼ ਨਾ ਕਰੇਗਾ ਐਸੇ ਕੰਮਾਂ ਨੂੰ ਤੇਰੇ
ਦਿਲ ਕਿਸੇ ਦਾ ਤੂੰ ਪਾਗਲਾ ਦੁਖਾਵੀਂ ਨਾ..!!
बादशाह अकबर और बीरबल शिकार पर गए हुए थे। उनके साथ कुछ सैनिक तथा सेवक भी थे। शिकार से लौटते समय एक गांव से गुजरते हुए बादशाह अकबर ने उस गांव के बारे में जानने की जिज्ञासा हुई। उन्होंने इस बारे में बीरबल से कहा तो उसने जवाब दिया—”हुजूर, मैं तो इस गांव के बारे में कुछ नहीं जानता, किंतु इसी गांव के किसी बाशिन्दे से पूछकर बताता हूं।”
बीरबल ने एक आदमी को बुलाकर पूछा—”क्यों भई, इस गांव में सब ठीक-ठाक तो है न?”
उस आदमी ने बादशाह को पहचान लिया और बोला—”हुजूर आपके राज में कोई कमी कैसे हो सकती है।”
“तुम्हारा नाम क्या है?” बादशाह ने पूछा।
“गंगा”
“तुम्हारे पिता का नाम?”
“जमुना”
“और मां का नाम सरस्वती है?”
“हुजूर, नर्मदा।”
यह सुनकर बीरबल ने चुटकी ली और बोला—”हुजूर तुरन्त पीछे हट जाइए। यदि आपके पास नाव हो तभी आगे बढ़ें वरना नदियों के इस गांव में तो डूब जाने का खतरा है।”
यह सुनकर बादशाह अकबर हंसे बगैर न रह सके।