अपने जुल्फों के बादल से कभी दूर ना करना मुझे
जान मेरे पास जीने की वजह पहले ही बोहोत कम है।
अपनी बाहों की गर्माहट में मुझे हमेशा छुपा के रखना,जमाने को जवाब दे सकू इसके लिए वक्त भी कम है।
याद है मेरे हाथ के कट जाने पर तुमने कैसे मुझे अपनी ओर खींचा था ,अपनी प्यार भरी आंसू से मेरे लहू को रोका था।
तुमने बोला था न की महादेव से जो मांगो वो मिल जायेगा,साथ चलना चाहो तो रास्ता मिल जायेगा,मैने तेरी खुशियां मांगी थी,जब मंदिर की परिक्रमा कर रहे थे तब मैने तेरा दुपट्टा थाम लिया था, उन फेरो के बहाने तुम्हे अपना मान लिया था।
हा माना की मैं लिखता हु कभी तेरी याद में कभी तेरी फरयाद में,पर सच तो ये है की तुझे खोने से बोहोत डरता हूं।
मैं मुंह मोड़ लेता हु जो ये कहते है की मोहोब्बत दर्द देती है,कसम से तेरी पायल की खनक के लिए ये दर्द भी झेल लेता हूं।
और क्या हुआ जो मुस्किले है हम दोनो को एक होने में
तू इसी बात से डरती है न की रूखसती के वक्त कैसे संभलूंगा,तू चिंता न कर जन्नत में पहुंच कर तेरे लिया दुआ जरूर करूंगा।