Na jaane raat bhar kyu jaagta hu,,
Teri Tasveere dekh tujhe yaad krta
or fir unhi se door bhaagta hu…😕
न जाने रात भर क्यों जागता हूँ
तेरी तस्वीर देख तुझे याद करता
और फिर उन्ही से दूर भागता हूँ…😕
Na jaane raat bhar kyu jaagta hu,,
Teri Tasveere dekh tujhe yaad krta
or fir unhi se door bhaagta hu…😕
न जाने रात भर क्यों जागता हूँ
तेरी तस्वीर देख तुझे याद करता
और फिर उन्ही से दूर भागता हूँ…😕
चलो किसी पुराने दौर की बात करते हैं,
कुछ अपनी सी और कुछ अपनों कि बात करते हैं…
बात उस वक्त की है जब मेरी मां मुझे दुलारा करती थी,
नज़रों से दुनिया की बचा कर मुझे संवारा करती थी,
गलती पर मेरी अकेले डांट कर पापा से छुपाया करती थी,
और पापा के मुझे डांटने पर पापा से बचाया करती थी…
मुझे कुछ होता तो वो भी कहाँ सोया करती थी,
देखा है मैंने,
वो रात भर बैठकर मेरे बाल संवारा करती थी,
घर से दूर आकर वो वक्त याद आता है,
दिन भर की थकान के बाद अब रात के खाने में, कहां मां के हाथ का स्वाद आता है,
मखमल की चादर भी अब नहीं रास आती है,
माँ की गोद में जब सिर हो उससे अच्छी नींद और कहाँ आती है…
Macheya dil vich ajab jeha shor sajjna
Chlle es te Na hun sada jor sajjna
Sanu chdi e ishqe di lor sajjna
Asi takkna nahi hun koi hor sajjna
ਮੱਚਿਆ ਦਿਲ ਵਿੱਚ ਅਜਬ ਜਿਹਾ ਛੋਰ ਸੱਜਣਾ
ਚੱਲੇ ਇਸ ਤੇ ਨਾ ਹੁਣ ਸਾਡਾ ਜ਼ੋਰ ਸੱਜਣਾ
ਸਾਨੂੰ ਚੜੀ ਏ ਇਸ਼ਕੇ ਦੀ ਲੋਰ ਸੱਜਣਾ
ਅਸੀਂ ਤੱਕਣਾ ਨਹੀਂ ਹੁਣ ਕੋਈ ਹੋਰ ਸੱਜਣਾ..!!