थोड़ा मुस्कुरा दे ए काफ़िर,
के कयामत बीत गई,
मायूसी तो रहेगी ही चेहरे पर,
फिर आशियाना बसाते बसाते...
Enjoy Every Movement of life!
थोड़ा मुस्कुरा दे ए काफ़िर,
के कयामत बीत गई,
मायूसी तो रहेगी ही चेहरे पर,
फिर आशियाना बसाते बसाते...
Zulf suljhane mein mashroof unhe paya to kaha
Meri kismat bhi sawaro kabhi balon ki trah🙈
ज़ुल्फ़ सुलझाने में मसरूफ उन्हे पाया तो कहा
मेरी किस्मत भी सँवारो कभी बालों की तराह🙈
Rekhta Pataulvi