
Jithe agla sunan vala te samjhan vala howe
Na samjhe lokan agge shabad viakat karna viarth e..!!
वो भी हमको मिल गया है क्या सितम है,
ग़म ही ग़म है क्या ही क्या है क्या सितम है।
देख ले इक मर्तबा तेरी तरफ़ जो,
रात दिन मांगे दुआ है क्या सितम है।
ज़िंदगी मेरी कहीं बस बीत जाए
बे वफ़ा तो हो गया है क्या सितम है।
इश्क़ तेरा अब जहर सा हो गया है,
वो जहर ही अब दवा है क्या सितम है।
आज कल घर से निकलते ही नहीं हो,
यार तुमको क्या हुआ है क्या सितम है।
उनके चेहरे की हंसी पर नजर मेरी तब पड़ी, जब शहर में मेरा आना हुआ..
अब उनके चेहरे पर ही रहती है ये हर घड़ी, और उनका मुझे देख शर्माना हुआ..
मेरी नज़रों पे उनकी नज़रों ने लगाई ऐसी हथ-कडी, ना फिर मेरा कभी घर जाना हुआ..
अब नज़रों से सिर्फ वही देखते हैं, जो वो दिखाती है, ना जाने भरा ये हमने, कैसा हर-ज़ाना हुआ..