बेवक्त बेवजह तुझसे बात करना सुकून लाता है
मेरे लड़खड़ाते अल्फ़ाज़ों मे एक जूनून लाता है
मैं रूठ जाऊ जमाने से कोई गीला नहीं
फिर मासूमियत भरा तेरा हाल पूछना याद आता है ,
कभी बिखरू तो आके समेट लेना मुझे
तुम जो रूठे मुझसे तो मुझे सीधा शमशान याद आता है ।
बेवक्त बेवजह तुझसे बात करना सुकून लाता है
मेरे लड़खड़ाते अल्फ़ाज़ों मे एक जूनून लाता है
मैं रूठ जाऊ जमाने से कोई गीला नहीं
फिर मासूमियत भरा तेरा हाल पूछना याद आता है ,
कभी बिखरू तो आके समेट लेना मुझे
तुम जो रूठे मुझसे तो मुझे सीधा शमशान याद आता है ।
Jhalle jehe haan sathon dass vi nhi hona
Utto judaai da dard v Hun seh nahi hunda..!!
Akhan chon padhle pyar mera sajjna
lafzaan ch sathon hun keh nahi hunda..!!
ਝੱਲੇ ਜਿਹੇ ਹਾਂ ਸਾਥੋਂ ਦੱਸ ਵੀ ਨਹੀਂ ਹੋਣਾ
ਉੱਤੋਂ ਜੁਦਾਈ ਦਾ ਦਰਦ ਵੀ ਹੁਣ ਸਹਿ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ..!!
ਅੱਖਾਂ ਚੋਂ ਪੜ੍ਹ ਲੈ ਪਿਆਰ ਮੇਰਾ ਸੱਜਣਾ
ਲਫ਼ਜ਼ਾਂ ‘ਚ ਸਾਥੋਂ ਹੁਣ ਕਹਿ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ..!!
Na rakh saamb k dard apne nu
ehnu niklan de folaad ban k
pachhtaunge dard den wale tad
jad tere bol lokaan di jubaan ban gae
ਨਾ ਰੱਖ ਸਾਂਭ ਕੇ ਦਰਦ ਆਪਣੇ ਨੂੰ
ਇਹਨੂੰ ਨਿਕਲਣ ਦੇ ਫੌਲਾਦ ਬਣ ਕੇ
ਪਛਤਾਉਣਗੇ ਦਰਦ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਤਦ
ਜਦ ਤੇਰੇ ਬੋਲ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ਜੁਬਾਂ ਬਣ ਗੇ