हो विष्णु तुम धरा के,
हल सुदर्शन तुम्हारा !!
बिना शेष-शैया के ही,
होता दर्शन तुम्हारा !!
पत्थर को पूजने वाले,
क्या समझेंगे मोल तेरा !!
माँ भारती के ज्येष्ठ सुत,
तुमको नमन हमारा !!!
तरुण चौधरी
हो विष्णु तुम धरा के,
हल सुदर्शन तुम्हारा !!
बिना शेष-शैया के ही,
होता दर्शन तुम्हारा !!
पत्थर को पूजने वाले,
क्या समझेंगे मोल तेरा !!
माँ भारती के ज्येष्ठ सुत,
तुमको नमन हमारा !!!
तरुण चौधरी
meri barbaadi de do kal
ik kal jo kade auna nahi
te dujha kal jo jehan chon kade jaana nai
ਮੇਰੀ ਬਰਬਾਦੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਦੋ ਕੱਲ
ਇਕ ਕੱਲ ਜੋ ਕਦੇ ਆਉਣਾ ਨਹੀ
ਤੇ ਦੂਜਾ ਕੱਲ ਜੋ ਜ਼ਹਿਨ ਚੋਂ ਕਦੇ ਜਾਣਾ ਨਹੀਂ
