हो विष्णु तुम धरा के,
हल सुदर्शन तुम्हारा !!
बिना शेष-शैया के ही,
होता दर्शन तुम्हारा !!
पत्थर को पूजने वाले,
क्या समझेंगे मोल तेरा !!
माँ भारती के ज्येष्ठ सुत,
तुमको नमन हमारा !!!
तरुण चौधरी
हो विष्णु तुम धरा के,
हल सुदर्शन तुम्हारा !!
बिना शेष-शैया के ही,
होता दर्शन तुम्हारा !!
पत्थर को पूजने वाले,
क्या समझेंगे मोल तेरा !!
माँ भारती के ज्येष्ठ सुत,
तुमको नमन हमारा !!!
तरुण चौधरी
Ye dil aajh bhi tere liye dhadhkta hai
maine to kai saal tere se pyar kiya
mn lgaakar kiyaa
na tere jism ki bhookh thi
bas teri rooh se pyar ho gya tha mujhe
agar tere jism ki bhookh hoti toh
shayad tu mujhe chhodh kar bhi nahi jaati
ये दिल आज भी तेरे लिए धड़कता है
मैंने तो कई साल तेरे से प्यार किया
मन लगाकर किया
ना तेरे जिस्म की भूख थी
बस तेरी रूह से प्यार हो गया था मुझे
अगर तेरे जिस्म की भूख होती तो
शायद तु मुझे छोड़ कर भी नहीं जाती
Eh na samjhi ke tere kabil nahi haan,
Tadap rahe ne oh jihnaa nu hasil nahi haan
ਇਹ ਨਾਂ ਸਮਝੀ ਕਿ ਤੇਰੇ ਕਾਬਿਲ ਨਹੀਂ ਹਾਂ,
ਤੜਫ ਰਹੇ ਨੇਂ ਉਹ ਜਿਹਨਾਂ ਨੂੰ ਹਾਸਿਲ ਨਹੀਂ ਹਾਂ