हो विष्णु तुम धरा के,
हल सुदर्शन तुम्हारा !!
बिना शेष-शैया के ही,
होता दर्शन तुम्हारा !!
पत्थर को पूजने वाले,
क्या समझेंगे मोल तेरा !!
माँ भारती के ज्येष्ठ सुत,
तुमको नमन हमारा !!!
तरुण चौधरी
हो विष्णु तुम धरा के,
हल सुदर्शन तुम्हारा !!
बिना शेष-शैया के ही,
होता दर्शन तुम्हारा !!
पत्थर को पूजने वाले,
क्या समझेंगे मोल तेरा !!
माँ भारती के ज्येष्ठ सुत,
तुमको नमन हमारा !!!
तरुण चौधरी
Akhiyan nam kar hass layida🙂
Asi gama de lekhe laye hoye haan💔..!!
Chedeya na kar darda nu sade🙏
Kismat de pehla hi sataye hoye haan🙌..!!
ਅੱਖੀਆਂ ਨਮ ਕਰ ਹੱਸ ਲਈਦਾ🙂
ਅਸੀਂ ਗ਼ਮਾਂ ਦੇ ਲੇਖੇ ਲਾਏ ਹੋਏ ਹਾਂ💔..!!
ਛੇੜਿਆ ਨਾ ਕਰ ਦਰਦਾਂ ਨੂੰ ਸਾਡੇ🙏
ਕਿਸਮਤ ਦੇ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਸਤਾਏ ਹੋਏ ਹਾਂ🙌..!!
इरादे उम्मीदों के,सख़्त लगते हो
तुम मुझे मेरा,बुरा वक्त लगते हो
होठों पर नज़र,नहीं जाती है क्या
माथा चूम कर,क्यू गले लगते हो
यार लहज़ा ऐसा, क्यूं है तुम्हारा
देखने में,इंसान तो भले लगते हो
तुम्हे क्या पता,दिल कहतें हैं इसे
तुम जो खिलोने, बेचने लगते हो
सच्चा इश्क़ ही तो, मांगा है मैंने
हर बार ये क्या, सोचने लगते हो
उदास हो कर कहते हैं,अलविदा
जब तुम ये,घड़ी देखने लगते हो
के कुछ पहेलियां भी,समझा करो
तुम मतलब,क्यों पूछने लगते हो
कोई ख्याल बचा कर,रखो भैरव
तुम तो बस,कलम ढूढने लगते हो