बातों ही बातों में उसकी
एक बात निकल जाती है
खबर नहीं कि कब उसकी
याद में रात निकल जाती है
मेरी मोहब्बत कहने से पहले
उसकी औकात निकल जाती है
आज तू कही नहीं है ,
फिर भी नेरे हर ख्याल में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरे दिल में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरी आँखों में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरी यादों में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरी रग रग में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरे रोम रोम में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी हर चेहरे में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरी धड़कनो में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरी सांसो में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरे सपनो में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मुझमे इस कदर समाया है तू
जिस कदर रात में अँधेरा