Uske pehlu me jo sula du dil ko
neend wo aaye ke jaag bhi na saku
उसके पहलू में जो सुला दूं दिल को,
नींद वो आए के जाग भी ना सकूं...
Uske pehlu me jo sula du dil ko
neend wo aaye ke jaag bhi na saku
उसके पहलू में जो सुला दूं दिल को,
नींद वो आए के जाग भी ना सकूं...
बिखरे हुए हैं शब्द मेरे, जैसे एक टूटा हुआ साज हूँ,
नि:शब्द हूँ मैं जैसे एक दबी आवाज़ हूँ ,
लिख रहा हूँ मैं अपना दर्द स्याही में,
जैसे कोई अनकही बात हूँ ,
लोगों ने करी है मेरी तारीफ़ें, जैसे मै उनके सर का ताज हूँ ,
नज़रें थी तेज मेरी इस कदर, जैसे मै बाज़ हूँ ,
बीता वो कल जिसमें मिले धोखे मुझे, आज बीता कल भी तरस खाता है मुझपे, जो मैं आज हूँ,
शांत हूँ मैं इन चालाकों के झुंड में, क्यूँकि मैं आने वाले तूफ़ान का आग़ाज़ हूँ ,
जो थे मेरे साथ जब अकेला था मैं, मैं आने वाले कल में भी उनके साथ हूँ ,
और जो सोचते थे कि गिरूँगा मैं लड़खड़ाते हुए ज़िंदगी में, उनके लिए एक बुरा ख़्वाब हूँ ,
सपनो को अपने मैं लेकर उडूँगा एक दिन,
जैसे हवा को चीरता हुआ जहाज़ हूँ ,
पर फ़िलहाल बिखरा हुआ शब्द हूँ, एक टूटा हुआ साज हूँ ।।
Udaas hoye dil nu
Ohdi yaad ch roye dil nu
Koi Ki te kive smjhawe..!!
ਉਦਾਸ ਹੋਏ ਦਿਲ ਨੂੰ
ਓਹਦੀ ਯਾਦ ‘ਚ ਰੋਏ ਦਿਲ ਨੂੰ
ਕੋਈ ਕੀ ਤੇ ਕਿਵੇਂ ਸਮਝਾਵੇ..!!