Ye dil❤️ apna har farz ada karega Mukadma koi bhi ho vakalat tumari🫣 hi krega🫰
ये दिल❤️अपना😀 हर फर्ज़ अदा करेगा मुक्कदमा कोई भी हो वकालत तुम्हारी 🫣 ही करेगा 🫰
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Ye dil❤️ apna har farz ada karega Mukadma koi bhi ho vakalat tumari🫣 hi krega🫰
ये दिल❤️अपना😀 हर फर्ज़ अदा करेगा मुक्कदमा कोई भी हो वकालत तुम्हारी 🫣 ही करेगा 🫰
ख़िज़ाँ का दौर हो या हो बहार का मौसम
मेरे लिए नहीं कोई क़रार का मौसम
किसे ख़बर थी बिछड़कर न मिल सकेंगे कभी
न ख़त्म होगा तेरे इन्तिज़ार का मौसम
ग़रज़ का दौर है सबको हैं अपनी अपनी धुन
किसी को रास न आया पुकार का मौसम
ढला है हुस्न तो मशहूर बेवफ़ाई हुई
गुज़र गया है तेरे इन्तिज़ार का मौसम
उड़ाए फिरती है आवारगी की आंधी हमें
हमें नसीब कहाँ ज़ुल्फ़-ए- यार का मौसम
बुझे हैं रेख़्ता हम तो बुझे नज़ारे हैं
उदास उदास लगा हुस्न -ए- यार का मौसम