Zakham tan nai bharde
waqt naal
par sehna sikh jande ne
lok aksar
waqt naal
ਜਖਮ ਤਾਂ ਨਈਂ ਭਰਦੇ
ਵਕਤ ਨਾਲ
ਪਰ ਸਹਿਣਾ ਸਿੱਖ ਜਾਂਦੇ ਨੇ
ਲੋਕ ਅਕਸਰ
ਵਕਤ ਨਾਲ
Zakham tan nai bharde
waqt naal
par sehna sikh jande ne
lok aksar
waqt naal
ਜਖਮ ਤਾਂ ਨਈਂ ਭਰਦੇ
ਵਕਤ ਨਾਲ
ਪਰ ਸਹਿਣਾ ਸਿੱਖ ਜਾਂਦੇ ਨੇ
ਲੋਕ ਅਕਸਰ
ਵਕਤ ਨਾਲ
*क्षमा दान की शक्ति*
आखिर मैं एक इंसान हूँ,पर आप तो हो भगवान।
जो भी होता है नियति है,नहीं पता मुझे परिणाम।
मैंने जो अब तक कि गलती,जो आगे करने वाला हूँ।
हे प्रभु! आज अतिरिक्त में,मुझको दे दो क्षमा दान।
आपने जो भी है दिया सबको, उसमें रहना सन्तुष्ट सभी।
स्वार्थ और ईर्ष्यावश में,नहीं होना है पथभ्रष्ट कभी।
इंसान गलतियों का पुतला,हो सका कभी परिपूर्ण नहीं।
फिर मद में अन्धा होकर वो,भूल जाता ही है गलत सही।
पर आप दया के सागर हो,करुणा के हो भंडार प्रभु।
सब के मन से द्वेष को करके दूर, आप सब मे भर दो प्यार प्रभु!
सब जीव आपकी संताने,न करें कोई भी भेदभाव।
बन जाओ सब मन से उदार,करें क्षमा द्वेष का हो अभाव।
सच्चे मन से करे प्रायश्चित तो,प्रभु हर अपराध क्षमा कर जाते हैं।
आप सर्वशक्तिमान इसी कारण ही,सब के द्वारा कहलाते हैं।
सच में वो ही है शक्तिमान,जिसने है सब को माफ किया।
भूल के सारी बातों को ,हर किसी का है जो साथ दिया।
फिजाओं के बदलने का इंतज़ार मत कर
आँधियों के रुकने का इंतज़ार मत कर
पकड़ किसी को और फरार हो जा
पापा की पसंद का इंतज़ार मत कर