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Yaadon ko nikar kar peene

तेरे ज़ख्म को सीने से लगाए, इस ज़माने में जीने की कोशिश कर रहें हैं।

  • तेरी यादें जो जहर बन गई हैं उसे दिल से निकलकर पीने की कोशिश कर रहें है

Title: Yaadon ko nikar kar peene

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


yaad shayari, SIMAT KE REH NA SAKI

Bhawe dil de ambar vich oh simat ke reh na saki
par meriyaan yaadan ton
oh door reh na saki



जोरू का गुलाम || akbar birbal story

एक बार की बात है, राजा अकबर व बीरबल दरबार में बैठे कुछ अहम मामलों पर चर्चा कर रहे थे। तभी बीरबल ने अकबर से कहा, “मुझे लगता है कि ज्यादातर पुरुष जोरू के गुलाम होते हैं और अपनी पत्नियों से डर कर रहते हैं।” बीरबल की यह बात राजा को बिल्कुल भी पसंद न आई। उन्होंने इस बात का विरोध किया।. 

इस पर बीरबल भी अपनी बात मनवाने पर अड़ गए। उन्होंने राजा से कहा कि वे अपनी बात को सिद्ध कर सकते हैं। मगर, इसके लिए राजा को प्रजा के बीच एक आदेश जारी करवाना होगा। वह आदेश यह था कि, जिस पुरुष के अपनी पत्नी से डरने की बात सामने आएगी, उसे दरबार में एक मुर्गी जमा करानी होगी। राजा बीरबल की इस बात पर तैयार हो गए।

अगले ही दिन प्रजा के बीच आदेश कराया गया कि अगर यह बात सिद्ध हो जाती है कि कोई पुरुष अपनी पत्नी से डरता है, तो उसे दरबार में आकर बीरबल के पास एक मुर्गी जमा करवानी होगी। फिर क्या था, देखते ही देखते बीरबल के पास ढेरों मुर्गियां इकठ्ठा हो गईं और सैंकड़ों मुर्गियां महल के बगीचे में घूमने लगीं

अब बीरबल राजा के पास पहुंचे और बोले, “महाराज! महल में इतनी मुर्गियां इकट्ठा हो गई हैं कि आप एक मुर्गीखाना खोल सकते हैं, इसलिए अब आप इस आदेश को वापिस ले सकते हैं।” मगर, महाराज ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया और महल में मुर्गियों की संख्या धीरे-धीरे और भी ज्यादा बढ़ने लगी।

इतनी अधिक मुर्गियां महल में जमा हो जाने के बाद भी जब राजा अकबर बीरबल की बात से सहमत नहीं हुए, तो बीरबल ने अपनी बात सिद्ध करने के लिए एक नया उपाय निकाला। एक दिन बीरबल राजा के पास गए और बोले, “महाराज! मैंने सुना है कि पड़ोस के राज्य में एक बहुत की खूबसूरत राजकुमारी रहती है। अगर आप चाहें, तो क्या मैं आपका रिश्ता वहां पक्का कर आऊं?”

यह सुनते ही राजा चौंक उठे और बोले, “बीरबल! तुम ये कैसी बातें कर रहे हो। महल में पहले से ही दो महारानियां मौजूद हैं। अगर उन्हें इस बात की भनक भी लगी, तो मेरी खैर नहीं होगी।”

यह सुनकर बीरबल ने तपाक से जवाब दिया, “चलिए महाराज, फिर तो आप भी मेरे पास दो मुर्गियां जमा करा ही दीजिए।”

राजा बीरबल का ऐसा जवाब सुनकर शरमा गए और उन्होंने अपना आदेश उसी वक्त वापस ले लिया।

Title: जोरू का गुलाम || akbar birbal story