कुबूल ही क्यों किया तूने मेरा इश्क
जब तुझे था ही नहीं मुझसे प्यार|
बार बार दिल क्यों दुखाता है मेरा,
एक बार ही ज़ख्म दे देता यार||
–हिरल सिंह
Enjoy Every Movement of life!
कुबूल ही क्यों किया तूने मेरा इश्क
जब तुझे था ही नहीं मुझसे प्यार|
बार बार दिल क्यों दुखाता है मेरा,
एक बार ही ज़ख्म दे देता यार||
–हिरल सिंह

nafrat aakadh
tyaag ke hi mel hunda rooha da
jhukna hi painda sajjna
paani peen lai khooha da
ਨਫ਼ਰਤ ਆਕੜ…..
ਤਿਆਗ ਕੇ ਹੀ ਮੇਲ ਹੁੰਦਾ ਰੂਹਾਂ ਦਾ
ਝੁਕਣਾ ਹੀ ਪੈਂਦਾ ਸਜਨਾ
ਪਾਣੀ ਪੀਣ ਲਈ ਖੂਹਾਂ ਦਾ❤️💯