कुबूल ही क्यों किया तूने मेरा इश्क
जब तुझे था ही नहीं मुझसे प्यार|
बार बार दिल क्यों दुखाता है मेरा,
एक बार ही ज़ख्म दे देता यार||
–हिरल सिंह
Enjoy Every Movement of life!
कुबूल ही क्यों किया तूने मेरा इश्क
जब तुझे था ही नहीं मुझसे प्यार|
बार बार दिल क्यों दुखाता है मेरा,
एक बार ही ज़ख्म दे देता यार||
–हिरल सिंह
जीवन में कोई काम अच्छा करें,
वनों और वन्यजीवों की रक्षा करें.
वनों और वन्यजीवों को बचायें,
आपको और आपके परिवार को
विश्व वन्यजीव दिवस की शुभकामनायें.
माँ बाप के बिना जिन्दगी अधूरी हैं,
माँ अगर धूप से बचाने वाली छाँव हैं
तो पिता ठंडी हवा का वह झोका हैं
जो चेहरे से शिकवा की बूंदों को सोख लेता हैं♡