कुबूल ही क्यों किया तूने मेरा इश्क
जब तुझे था ही नहीं मुझसे प्यार|
बार बार दिल क्यों दुखाता है मेरा,
एक बार ही ज़ख्म दे देता यार||
–हिरल सिंह
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कुबूल ही क्यों किया तूने मेरा इश्क
जब तुझे था ही नहीं मुझसे प्यार|
बार बार दिल क्यों दुखाता है मेरा,
एक बार ही ज़ख्म दे देता यार||
–हिरल सिंह
सोलह बसंत पार हुए तो बेटी स्यानी हो जाती है!
गाँव,घर,गली,मुहल्ले मे एक कहानी हो जाती है!
ध्यान से रखना आप सब इस अनमोल रत्न को!
पांव गर फिसले तो मुश्किल जिंदगानी हो जाती है!!
हर्ष ✍️
Kujh taan hai jo sanu tere vall khich ke rakhda e
Nahi taan bhut vaar chaheya e
Ke tethon door chle jayiye..!!
ਕੁਝ ਤਾਂ ਹੈ ਜੋ ਸਾਨੂੰ ਤੇਰੇ ਵੱਲ ਖਿੱਚ ਕੇ ਰੱਖਦਾ ਏ
ਨਹੀਂ ਤਾਂ ਬਹੁਤ ਵਾਰ ਚਾਹਿਆ ਏ
ਕਿ ਤੈਥੋਂ ਦੂਰ ਚਲੇ ਜਾਈਏ..!!