“अक्सर हमें प्यार होने के बाद ही उस शख्स की यादें सताती है.
प्यार न हो तो वो कितना ही प्यारा क्यों न हो वो हमें कभी याद नही आता..”!
“अक्सर हमें प्यार होने के बाद ही उस शख्स की यादें सताती है.
प्यार न हो तो वो कितना ही प्यारा क्यों न हो वो हमें कभी याद नही आता..”!
ये साफ सफाई की बात नहीं, कोरोना ने लिखी खत।
इधर उधर थुकना मत।
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गंगा की गोद में चलती है नाव, मृत शरीर भी।
समय का गोद में खिलती है सभ्यता और जंगली जानवर का अँधा बिस्वास भी।
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बचपन मासूम कली।
फल बनना और बड़ा होना- काला दाग में अशुद्ध कलि।
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कीचड़ में भी कमल खिलता है।
अच्छे घर में भी बिगड़ा हुआ बच्चा पैदा होते है।
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इंसान का अकाल नहीं, इंसानियत की अकाल है।
डॉक्टर (सेवा) के अकाल नहीं, वैक्सीन (व्यवस्था) का अकाल है।
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कुत्ते समझते है के कौन इंसान और कौन जानवर है।
बो इंसान को देख के पूंछ हिलाते है और जानवर को देख के भूँकते है।
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जीविका से प्यारा है जिंदगी।
अगर साँस बंद है तो कैसे समझेंगे रोटी की कमी।
Pehla dil ch vasonde te phr kdd jande laake yaari chdd jande
Ajj kal de aashiq chnge ni E matlab lyi aaunde ne te matlab mukke te chddd jande