और फिर कब तक वहा रहता मैं
और कब तक कुछ ना कहता मै
फिर मैने वो बोल ही दिया
कब तक यू चुप चाप रहता मैं
और फिर मरना ही मुनासिब समझा हमने
आखिर के तक ये सब सहता मैं
Enjoy Every Movement of life!
और फिर कब तक वहा रहता मैं
और कब तक कुछ ना कहता मै
फिर मैने वो बोल ही दिया
कब तक यू चुप चाप रहता मैं
और फिर मरना ही मुनासिब समझा हमने
आखिर के तक ये सब सहता मैं
Pachtayi bahot us k darwaze par dastak de kar
dard ki inteha ho gai jab uss ne poocha kon ho tum