तलाश लो ये जिस्म मगर, रूह तक कैसे जाओगे,
छान लो शहर सारा मगर, दर तक कैसे जाओगे,
आओगे जब वापस तो, नज़रें झुकी होगी तुम्हारी
तड़पेगा वो जिस्म ओर तुम, गुनहगार बन जाओगे...
तलाश लो ये जिस्म मगर, रूह तक कैसे जाओगे,
छान लो शहर सारा मगर, दर तक कैसे जाओगे,
आओगे जब वापस तो, नज़रें झुकी होगी तुम्हारी
तड़पेगा वो जिस्म ओर तुम, गुनहगार बन जाओगे...
Log humse puchte he ki hum apko “aap” kehkar kyu pukarte he
Ab kya bataye unhe
“Tum” kehkar pukarna bhale hi khaas he
Lekin “aap” mein toh apnepan ka ehsaas he ❤
लोग हमसे पूछते हैं कि हम आपको “आप” कहकर क्यों पुकारते हैं
अब क्या बताएं उन्हें
“तुम” कहकर पुकारना भले ही खास है
लेकिन “आप” में तो अपनेपन का एहसास है ❤️
Malang ban jande ne ishqan vale
Rehnde apne jahan ch viyast ne..!!
Vech ke khwahishan supne apne
Khud vich rehnde mast ne..!!
ਮਲੰਗ ਬਣ ਜਾਂਦੇ ਨੇ ਇਸ਼ਕਾਂ ਵਾਲੇ
ਰਹਿੰਦੇ ਆਪਣੇ ਜਹਾਨ ‘ਚ ਵਿਅਸਤ ਨੇ..!!
ਵੇਚ ਕੇ ਖੁਆਹਿਸ਼ਾਂ ਸੁਪਨੇ ਆਪਣੇ
ਖ਼ੁਦ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦੇ ਮਸਤ ਨੇ..!!