इन मजिलों से ज़्यादा मयस्सर कोई नहीं,
मेरे रास्तों से ज़्यादा हमसफर कोई नहीं,
बुझती नहीं अब प्यास इस समंदर से भी,
इस प्यास से ज़्यादा समंदर कोई नहीं…🍂
इन मजिलों से ज़्यादा मयस्सर कोई नहीं,
मेरे रास्तों से ज़्यादा हमसफर कोई नहीं,
बुझती नहीं अब प्यास इस समंदर से भी,
इस प्यास से ज़्यादा समंदर कोई नहीं…🍂
“I have discovered in life that there are ways of getting almost anywhere you want to go, if you really want to go.”
तीन रंगों में रंगा हुआ
सारे जग से न्यारा है,
सुनो तिरंगा हमें हमारा
प्राणों से भी प्यारा है।
बतलाता है रंग केसरी
वीरों ने बलिदान दिया
अंग्रेजों को मार भगाया
स्वतंत्र हिंदुस्तान किया,
इनकी भुजाओं के बल से
दुश्मन हमसे हारा है
सुनो तिरंगा हमें हमारा
प्राणों से भी प्यारा है।
श्वेत रंग संदेशा देता
अमन चैन फ़ैलाने का
प्रेम भावना बसे हृदय में
ऐसा वतन बनाने का
सुख-दुःख में एक दूजे का
बनना हमे सहारा है
सुनो तिरंगा हमें हमारा
प्राणों से भी प्यारा है।
हरा रंग हरियाली का जो
उन्नति पथ दिखलाता है
चीर धरा का सीना हलधर
सारी फसल उगाता है,
सारे जगत को देता अन्न
पशुओं को देता चारा है
सुनो तिरंगा हमें हमारा
प्राणों से भी प्यारा है।
बढ़ते रहें कहीं रुके नहीं
चक्र ज्ञान यह देता है
साथ समय के चले निरंतर
बनता वही प्रणेता है
बिना परिश्रम कहाँ किसीका
चमका कभी सितारा है
सुनो तिरंगा हमें हमारा
प्राणों से भी प्यारा है।