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कर दी किसी ने तेरी भरपाई तो क्या होगा || Hindi poetry || sad mohobbat

चलेगी जब तेरी यादों की पुरवाई तो क्या होगा
पुरानी चोट कोई फिर उभर आई तो क्या होगा,
मुहब्बत ख़ुद ही बन बैठी तमाशाई तो क्या होगा
न हम होंगे, न तुम होंगे, न तनहाई तो क्या होगा,
मुहब्बत की झुलसती धूप और काँटों भरे रस्ते
तुम्हारी याद नंगे पाँव गर आई तो क्या होगा,
ऐ मेरे दिल तू उनके पास जाता है तो जा, लेकिन
तबीअत उनसे मिलकर और घबराई तो क्या होगा,
लबों पर हमने नक़ली मुस्कराहट ओढ़ तो ली है
किसी ने पढ़ ली चेह्रे से जो सच्चाई तो क्या होगा,
सुना तो दूँ मुहब्बत की कहानी मैं तुम्हें लेकिन
तुम्हारी आँख भी ऐ दोस्त भर आई तो क्या होगा,
ख़ुदा के वास्ते अब तो परखना छोड़ दे मुझको
अगर कर दी किसी ने तेरी भरपाई तो क्या होगा..

Title: कर दी किसी ने तेरी भरपाई तो क्या होगा || Hindi poetry || sad mohobbat

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Dost woh hai jo || friend shayari hindi

दोस्त वो है जो थाम के रखता है हाथ
परवाह नहीं उसको कौन है तुम्हारे साथ

उसकी आखों में चमक दिखती है
जब होता है तुम्हारे साथ

गुजर जाता है वक़्त मिनटों में
जब करते हैं उससे बात

दोस्त वो हैं जो सामने आ जाये गर
खुद बयाँ हो जाते हैं दिल के हालत

कुछ सोचना नहीं पड़ता
जब होती है उससे बात

दोस्त वो है जो बिन कहे समझ लेता है हर बात
बस हम छिपा नहीं सकते उससे कोई भी राज

कर देता है हैरान तब और भी
जब मरहलों में बन जाता है ढाल
अपने सारे दर्द ग़म भुला कर
साथ हँसता है सारी रात

उसे कुछ भी नहीं चाहिए तुमसे बस
कुछ पल तुम्हारे साथ का है वह मोहताज़

दोस्त वो है जिससे दोस्ती निभानी नहीं पड़ती
जिसे कोई भी बात समझानी नहीं पड़ती

रूठ भी जाए तो भी नहीं करता नज़रन्दाज़
इसलिए ये रिश्ता होता है हर रिश्ते से ख़ास

कभी वो माँ की तरह समझाता है
तो कभी पिता की तरह डांटता है

कभी- कभी बहन बन कर सताता है
तो कभी भाई की तरह रुलाता है

कभी एक आफ़ताब बन होंसला बढ़ाता है
हमें ग़म और खुशियों से परे ले जाता है

जिसके पास है ऐसा दोस्त
वही मुकम्मल है इस जहाँ में
वही है हयात का सरताज

Title: Dost woh hai jo || friend shayari hindi


Kya yahi pyaar kehlata hai? || Love hindi shayari

Tere bhool jaane ki aadat k sadke, 
Tujhe bhool jaane ko jee chahta hai.. 
Raah to koi or pakadta hu magar, 
Hr zrraah teri or fir se kheech lata hai..
Kya yahi pyaar kehlata hai?

Khush hone k lamhe boht mile,
Pr noor chehre pe teri vajah se ata hai.. 
Krte nhi hai baat kisi se, 
Kyu ki hr baat me tera zikkr aa jata hai.. 
Kya yahi pyaar kehlata hai?

Mubarak hr shaam hua krti thi kbhi, 
Ab hr shaam me chaand dhal jata hai..
Roshni to aati hai hr roj subhah, 
Magar andhera aankhon me basa rehta hai.. 
Kya yahi pyaar kehlata hai?

Title: Kya yahi pyaar kehlata hai? || Love hindi shayari