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छोटे भाई पर कविता || Brother poetry || Hindi poetry

सदा तुम नफरत करते हो ,पर तुमको मुझसे प्यार हैं
मेरा प्रेम हैं हल्का फुल्का , पर ये नफरत तुम पर ही भार हैं |

जो नफरत बन फुट पड़ी हैं , बस वही प्यार का सार हैं
चाहे जितनी शिद्दत कर लो , मुझको यह स्वीकार हैं ,

भैया तुम क्या जानो कितना प्यार मुझसे करते हो
अपने दिल के हाथों तुम , इतना क्यों बेजार हो

तेरे दर पर जब आउंगी क्या दूर खड़े ही पाओगे
निश्चल जड़ बन खड़े रहोगे , आँख में भर ना पाओगे |

मामा कह जब वे दौड़ेंगे ,क्या उन्हें गोद में न ले पाओगे
बच्चों की मुस्कान देख तुम , क्या निष्ठुर रह पाओगे

जब शादी होगी तेरी तो क्या जीजू से द्वेष मनाओगे
बहने करती हैं जो रश्मे ,वो किस्से करवाओगे

कोन करेगा टिका तेरा , हल्दी किससे लगवाओगे
बहन से होगी इतनी नफरत तो, गैरो से खाक निभाओगे

प्यार में ज्यादा शक्ति हैं या नफरत में हैं बताओगे
मैं तुम्हे चुनोती देती हैं , तुम नफरत करके दिखलाओगे

तुम गुस्से को मत शांत करो ,और नफरत मुझेसे करते रहना
स्नेह की अग्नि पावन हैं , तुम ही पिघलोगे ये कहती बहना

Title: छोटे भाई पर कविता || Brother poetry || Hindi poetry

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Mileyaa skoon || sad punjabi dhokha shayari

Mileyaa sakoon dar tere te aake
me vekhyaa ae har tha nu ajmaa ke
na mileyaa koi tere ton vadha saath den wala
me vekh lyaa ae har ik ton dhokha khaa ke

ਮਿਲਿਆਂ ਸਕੂਨ ਦਰ ਤੇਰੇ ਤੇ ਆਕੇ
ਮੈਂ ਵੇਖਿਆਂ ਐਂ ਹਰ ਥਾਂ ਨੂੰ ਅਜ਼ਮਾ ਕੇ
ਨਾ ਮਿਲਿਆ ਕੋਈ ਤੇਰੇ ਤੋਂ ਵਡਾ ਸਾਥ ਦੇਣ ਵਾਲਾ
ਮੈਂ ਵੇਖ ਲਿਆ ਐਂ ਹਰ ਇੱਕ ਤੋਂ ਧੋਖਾ ਖ਼ਾਕੇ

—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷

Title: Mileyaa skoon || sad punjabi dhokha shayari


Mother son poetry hindi || Maa shayari

कोई भी जहर को मीठा नहीं बताता है।
कल अपने आप को देखा था माँ की आँखों में
ये आईना हमे बूढ़ा नहीं बताता है।
ए अँधेरे देख ले मुँह तेरा काला हो गया
माँ ने आँखे खोल दी घर में उजाला हो गया।
किस तरह वो मेरे गुनाहो को धो देती है
माँ बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है।
बुलंदियों का बड़े से बड़ा नीसान छुआ
उठाया गोद में माँ ने तब आसमान छुआ।
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकां आयी
मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आयी।

Title: Mother son poetry hindi || Maa shayari