तख्त ओ ताज ने तुम्हे गुनहगार किया
आओ मेरे पास दिल के खयाल रख दो,
हश्र बुरा है तुम्हारी रगो के धागों का,
लाओ यहां बेगुनाही का मंजर रख दो...
किसी का पता लेकर निकले हो शायद,
छोड़ो उसकी शक्ल उसे यहां रख दो,
लोग कहते हैं बहुत उम्दा क़ातिल हो तुम
लाओ यहां वो झूठा खंजर भी रख दो...