एक बचपन का जमाना था
जहाँ खुशियों का खजाना था
चाहत चांद को पाने कि थी
पर दिल तितली का दिवाना था
ना खबर अपनी थी
ना शाम का ठिकाना था
माँ की कहानी थी
परियों का फसाना था
क्यो हो गए आज हम इतने बड़े
इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था❤️
एक बचपन का जमाना था
जहाँ खुशियों का खजाना था
चाहत चांद को पाने कि थी
पर दिल तितली का दिवाना था
ना खबर अपनी थी
ना शाम का ठिकाना था
माँ की कहानी थी
परियों का फसाना था
क्यो हो गए आज हम इतने बड़े
इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था❤️
चंद्रयान-3 का सफर फिर से आरंभ हुआ, चांद की ओर हमारा प्यार फिर से बढ़ा।
जवानी बिताई चंद्रयान-2 में, अब नए सपनों के साथ हम आएंगे।
चांद पर तिरंगा लहराएँगे हम गर्व से, सितारों की ओर हम फिर से निकलेंगे।
इस नए यात्रा में हमारी मंजिल हो चांद, चंद्रयान-3 के संग हम सभी लहराएंगे झंड।
अपने तय करे हम नये इतिहास की प्रारंभ, चंद की खोज में हम सभी हैं महिमा के सभी रूप।
चंद्रयान-3 हमारी शान है, गर्व है हमें, इस यात्रा में हम सभी बढ़ेंगे और जीतेंगे।
Har us shaks se door hua hun
jiske paas Jane ki koshish ki hai maine