एक बचपन का जमाना था
जहाँ खुशियों का खजाना था
चाहत चांद को पाने कि थी
पर दिल तितली का दिवाना था
ना खबर अपनी थी
ना शाम का ठिकाना था
माँ की कहानी थी
परियों का फसाना था
क्यो हो गए आज हम इतने बड़े
इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था❤️
एक बचपन का जमाना था
जहाँ खुशियों का खजाना था
चाहत चांद को पाने कि थी
पर दिल तितली का दिवाना था
ना खबर अपनी थी
ना शाम का ठिकाना था
माँ की कहानी थी
परियों का फसाना था
क्यो हो गए आज हम इतने बड़े
इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था❤️
Poh da mahina ate raatan kaliyan ch
Asi vi dubb gye akhan surme valiyan ch
Mein keha, “acha ji, sat shri akaal!
Kehndi baith sardara! Ghutt Chaa taan pi lyiye piyaliyan ch 😍
ਪੋਹ ਦਾ ਮਹੀਨਾ ਅਤੇ ਰਾਤਾਂ ਕਾਲੀਆਂ ‘ਚ
ਅਸੀ ਵੀ ਡੁੱਬ ਗਏ ਅੱਖਾਂ ਸੁਰਮੇ ਵਾਲੀਆਂ ‘ਚ
ਮੈ ਕਿਹਾ ,”ਅੱਛਾ ਜੀ , ਸਤਿ ਸ੍ਰੀ ਆਕਾਲ !
ਕਹਿੰਦੀ ਬੈਠ ਸਰਦਾਰਾ! ਘੁੱਟ ਚਾਅ ਤਾਂ ਪੀ ਲਈਏ ਪਿਆਲੀਆਂ ‘ਚ 😍
Inkaar kar deti, Ijhaar kyon kiya.
Saath mein nahi rehna, toh phir Pyaar kyon kiya…???💔
इंकार कर देती ,इजहार क्यो किया ।
साथ में नही रहना ,तो फिर तूने प्यार क्यो किया…???💔