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Ananya Rai

बचपन || bachpan || hindi poetry

एक बचपन का जमाना था
जहाँ खुशियों का खजाना था
चाहत चांद को पाने कि थी
पर दिल तितली का दिवाना था
ना खबर अपनी थी
ना शाम का ठिकाना था
माँ की कहानी थी
परियों का फसाना था
क्यो हो गए आज हम इतने बड़े
इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था❤️

Successful landing of Chandrayan 3 || india

चांद को भी है गुरूर लौटकर उसका शान आया है

सज चुका है चांद के सिर पर ताज क्योकि उसकी खातिर पूरा हिंदुस्तान आया है

कैसे करे बया दिल की हालत को

हमे भी चांद पर बहुत प्यार आया है

Ishq ki daasta || safar wahi hai

सफर वही जहाँ तक तुम हो

नजर वही जहाँ तक तुम हो

वैसे तो हजारो फूल खिलते है गुलशन में

मगर खुशबू वही जहाँ तक तुम हो

Ananya Rai