
Kyu evein gama vich payiye ji..!!
Jo zind pehla hi rabb de lekhe
Ohnu jagg de lekhe kyu layiye ji..!!
दूर से ही हाथ हिला के चला जाऊंगा।
मैं तुमसे नजरे मिला के चला जाऊंगा।
नजरअंदाज कर देना ज़माने की तरह तुम भी,
नशे में हूं चिल्लाऊंगा चिल्ला के चला जाऊंगा।
हर वजह खत्म कर दूंगा मैं अपने लौटने की,
मत सोचना कि उम्मीद दिला के चला जाऊंगा।
मिटा दूंगा हर एक निशानी मोहब्बत की,
मैं अपना आशियाना जला के चला जाऊंगा।
जिसकी खुशबू से महक उठे सारा जमाना,
मैं वो फूल चमन में, खिला के चला जाऊंगा।
याद रखो न रखो, फ़ैसला तुम्हारा है “शिवम”
मैं इक बार चेहरा, दिखला के चला जाऊंगा।
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