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मेरी आंखों में कोई दूसरा चेहरा नहीं है || true love shayari hindi

Meri aankhon m tere siwa koi chehra nahi hai,
Mere dil m kisi or k liye pyar gehra nahi hai.
Vo kehta h mujhpe hak sirf uska hai
Vo janta h mera dil kisi or k liye kabhi thehra nahi hai.
Bahot ajeej hai mera chehra kai logon k liye
Bahot ajeej h mera chehra kai logon k liye,
Vo kehta h tere jesa koi or chehra nahi hai.
Anjan meri hakikat se vo behad mujhpe marta hai,
Vo kehta h tujhse door hu majbooriyon ka pehra hai.
Dusri chahat tha vo meri kabhi aaj bhi mujhpe uska rang bahot gehra hai.
Mere bina rehna kehta h majboori hai uski bhi,
Kehta h ye majboori dekar wakt b kahan thehra hai.
Fir mile hai hum usi ummid k raste par
Fir mile h hum us ummid k raste par ek baar.
Dekhti hu is baar mera ye rabb b kya reh ra h…
Meri aankhon m aaaj b koi chehra nhi hai

Title: मेरी आंखों में कोई दूसरा चेहरा नहीं है || true love shayari hindi

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Mein itna bhi khushnaseeb nahi || sad hindi shayari

Har koi mera ho jaye esi meri takdeer nhi
Mein vo sheesha hun jismein koi tasveer nhi😑
Mujhe bhi koi yaad kare kya mein itna bhi khushnaseeb nahi😔

हर कोई मेरा हो जाए ऐसी मेरी तक़दीर नही
मैं वो शीशा हूँ जिसमे कोई तस्वीर नही😑
दर्द से रिश्ता है मेरा खुशियाँ मुझे नसीब नही
मुझे भी कोई याद करे क्या मैं इतना भी खुशनसीब नही😔

Title: Mein itna bhi khushnaseeb nahi || sad hindi shayari


आगरा कौन सा रास्ता जाता है? || birbal akbar story

बादशाह अकबर को शिकार करना बहुत पसंद था। एक बार की बात है, बादशाह अकबर अपने सैनिकों के साथ शिकार पर निकले। शिकार करते-करते वो इतने आगे चले गए कि वो अपने दल से छूट गए। उनके साथ बस कुछ ही सैनिक रह गए थे। अब शाम होने को थी और सूरज ढलने वाला था। साथ ही अकबर और उनके साथ के सैनिकों को भूख भी सताने लगी थी।

बादशाह अकबर को शिकार करना बहुत पसंद था। एक बार की बात है, बादशाह अकबर अपने सैनिकों के साथ शिकार पर निकले। शिकार करते-करते वो इतने आगे चले गए कि वो अपने दल से छूट गए। उनके साथ बस कुछ ही सैनिक रह गए थे। अब शाम होने को थी और सूरज ढलने वाला था। साथ ही अकबर और उनके साथ के सैनिकों को भूख भी सताने लगी थी

काफी दूर निकल आने पर बादशाह अकबर को यह एहसास हुआ कि वो रास्ता भटक गए हैं। वहां आस-पास कोई नजर भी नहीं आ रहा था, जिससे रास्ते के बारे में पूछा जा सकता था। थोड़ी दूर और चलने पर उन्हें एक तिराहा नजर आया। बादशाह को यह देख कर थोड़ी खुशी हुई कि चलो इनमें से कोई न कोई रास्ता राजधानी तक तो जाता ही होगा।

लेकिन, सभी इसी उलझन में थे कि किस रास्ते पर चला जाए। तभी सैनिकों की नजर सड़क किनारे खड़े एक छोटे से लड़के पर पड़ी। वह लड़का बड़ी हैरानी से महाराज के घोड़े और सैनिकों के हथियारों को देख रहा था। सैनिकों ने उस बालक को पकड़कर महाराज के सामने पेश किया।

बादशाह अकबर ने लड़के से पूछा, “ऐ लड़के। इनमें से कौन सा रास्ता आगरा जाता है?” यह बात सुनकर वह बच्चा जोर-जोर से हंसने लगा। यह देखकर राजा को बहुत गुस्सा आया। लेकिन, उन्होंने शांत भाव से उससे उसकी हंसी का कारण पूछा। लड़के ने जवाब दिया, “यह रास्ता चल नहीं सकता है, तो यह आगरा कैसे जाएगा। आगरा पहुंचने के लिए तो आपको खुद चलना पड़ेगा।”

महाराज उस लड़के की सूझबूझ को देख कर चकित रह गए। उन्होंने प्रसन्न होकर उस बच्चे का नाम पूछा। लड़के ने जवाब में अपना नाम महेश दास बताया। महाराज ने उसे इनाम में सोने की अंगूठी दी और दरबार में आने का न्योता दिया। इसके बाद बादशाह अकबर ने लड़के से पूछा, “क्या तुम मुझे बता सकते हो कि किस रास्ते पर चलने से मैं आगरा पहुंच पाऊंगा?” लड़के ने बड़ी ही शालीनता से सही रास्ता बताया और महाराज अपने सैनिकों के साथ आगरा की ओर चल पड़े।

यही लड़का बड़ा होकर बीरबल के नाम से प्रसिद्ध हुआ और बादशाह अकबर के नवरत्नों में से एक कहलाया।

Title: आगरा कौन सा रास्ता जाता है? || birbal akbar story