
Mazboori sahwein rakhan vala bahanebaaaz nhi hunda
Chup rehan vala zroori khafa khafa nhi hunda
Chad jaan vala hmesha bewafa nhi hunda..!!
ਸਾਥੋਂ ਹੁਣ ਕੀ ਦੁਖ ਪੁੱਛਦਾ
ਜਖ਼ਮ ਤਾਂ ਸਾਰੇ ਤੇਰੇ ਦਿੱਤੇ ਹੋਏ
ਲੋਕਾ ਦੀ ਅਖਾਂ ਵਿਚ ਹੰਜੂ ਲਾਉਣ ਵਾਲਾਂ
ਅੱਜ ਦਸ ਦੁਜਿਆਂ ਲਈ ਕਾਤੋ ਰੋਏ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷
उठे थे हाथ जिनके,
उन्ही दुआओं का असर हूं,
चिराग़ सी हैं नज़रें मेरी
जैसे सुबह की पहली पहर हूं
धूल से ही तो नाता है मेरा
वहीं ठंडी हवाओं में बसर हूं
कलम से शायर कह दो
होंठों से कहर हूं,
ठहरा है दरिया जो किनारे में
वहीं बहता छोटा सा शहर हूं,
मानों तो प्यास मिले
ना मानों तो ज़हर हूं...