Khiza ka daur ho ya ho bahar ka mausam
Mere liye nhi koi karar ka mausam
खिजा का दौर हो या हो बहार का मौसम
मेरे लिए नहीं कोई क़रार का मौसम
Khiza ka daur ho ya ho bahar ka mausam
Mere liye nhi koi karar ka mausam
खिजा का दौर हो या हो बहार का मौसम
मेरे लिए नहीं कोई क़रार का मौसम
तुझे प्यार है हमसे ये जानते हैं हम
बयान न कर पाओगे ये भी मानते हैं हम
आंखें आपकी सभ बयान कर देती है हज़ूर
आँखों से की बातें खूब पहचानते हैं हम
सुनो अब तुम हाल हमारे दिल का
ये दिल भी तेरे ख्यालों में ही खोने लगा है
तुझे भी है पर फ़िर भी मुझे ज्यादा है
प्यार से भी ज्यादा प्यार तुझसे होने लगा है
प्यार हमें भी बेशुमार है..प्यार तुम्हें भी शिद्दत से है
फर्क सिर्फ इतना है
तुझे आज अभी अभी हुआ हमसे
हमें हुआ तुझसे कई मुद्दत से है
Shayar oggy
Sapne toh yu bahut haseen hote hai, Magar sapno se pyar nahi karte,
Tumhe chahte toh hum aaj bhi hai, Sirf izhaar nahi karte!!!