KHAFA NAHI HAI AAPSE
MAGAR BEWAFA NIKLE AAP
PAGAL TO HUM THE
SAMAJDAR NIKLE AAP
– AMRUTA
KHAFA NAHI HAI AAPSE
MAGAR BEWAFA NIKLE AAP
PAGAL TO HUM THE
SAMAJDAR NIKLE AAP
– AMRUTA
आग को बुझा देता है क्रोध ।
आग जलते है हवा में, लेकिन चिंगारी में जलता है क्रोध।
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अपना कविता किसी को मत पढ़ाओ।
अगर कोई पढ़ना चाहते है, उसे सच ढूंढ़ने के लिए बताओ।
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जबाब हर बात पे मत दो।
सिर्फ वक्त का इंतज़ार करो।
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जब बन रहे हों, सुनना पड़ता हैं।
जब बन गये हों, लोग सुनने आते हैं।
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रिश्ते आसमान की रूप।
आज बारिश, कल धूप।
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बात लहर की तरह।
जनम देती रिश्ते, टूटती भी रिश्ते, सोचो ज़रा।
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मैदान में जितना राजनीती होता है, उससे भी ज्यादा होता है घर पर।
घर का बाप ही बनता है नेता, नेता पैदा भी होता हे घर पर।
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जो तुम्हे पाता है, वो किसी को मत बताओ।
समय में प्रयोग करो, नहीं तो लोग समझेंगे के तुम मुर्ख हो।
ਕਾਸ਼ !!
ਮੈਂ ਜਾਣਦੇ ਹੋਏ ਵੀ ਅਣਜਾਣ ਨਾ ਹੁੰਦਾ
ਕਾਸ਼ !!
ਕਿਸੇ ਪੱਥਰ ਦਿਲ ਨਾਲ ਪਿਆਰ ਨਾ ਹੁੰਦਾ
ਜਾ ਕੋਈ ਇਨਸਾਨ ਪੱਥਰ ਦਿਲ ਨਾ ਹੁੰਦਾ
kaash!!
main jande hoe v anjaan na hunda
kaash!!
kise pathar dil naal pyaar naa hunda
ya koi insaan pathar dil naa hunda